पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१९८

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[ 14 ] सिंह बैस के माzिताये जाति के ग्राह्मण पे। २०१२२ के स्लगमग वर्तमान (1) मुरतं विनामनिदे० (-२३४५) शम्द-थरस, ०ि मति के पद। रेला (८२४दी) दे०(-१४७सी) माता दे (छ-२१४ सी), शम-राजा पिबनायसिंह का शिकार म मुमन माला (४-२६५) साम्रा विकीरवास व शहद पर संपतिह-~-चारविद के पिता जाति के गोगायत सरोका (मान बन )। (-३२०ी) सी दुनी (राम्प मपपुर) के आगीवार और शन प्रसरारजी पानी-पम्प नाम भवेराबजी अपपुरनरेश महाराज प्रगति के सेमापति पा राम्द मंगलबासमा यमसेवक तालिक यो एकोने सेंक के माप अमीर से कई काEREN4 वि० मा काम पाए। बार युबकिया पा1 दे०(-३) शा नाटक-भिवान कवि गत ति का० शम्म भखार-कवीरबास मा वि परेनन स०१0३४ शि०० सं० १५ और to bunto) RR यि राजा दुम्पत और शवला का शब्द दरिगा सारखव-परिया सरहर रुवा बर्षेन । दे० (-) (-१३४) पि.प्राम-भएन।०(1-443) पाइन परीक्षा-साल मिम हतावि०पर शन्द्र प्रकाश-परमोधर , जि . पक्षियों की बोली माप कुन पिधारने की १४१५, दि० राम-मीमा, हान और गति राविका वर्णन । ३०(१२वी) का पर्थम रे.-१) शक्ति बिमामणि-मावन (भैपा निलोकीनाथ राय मंगल पालय--अम्प माम अजरामाणी या सिंह) कपि वलि का सं० १८५१ हिक शप भवराव सीमामी रामसेवक च्यामिक का० सप १६५, पि० पुरुषों के लालग, नायिका का० स० पि. बान। २० मेर भोर मार बर्णन २०(२) (+-24) शक्ति भक्ति प्रकाश-मानोराम स्वामि० शब्द रमायसी प्रयागवास हि० प्र० भगवत-स्तुति।०(ग-३) १८ निका-२०१नि कोशा. शवपनावरी-मनापररास कवा लि का सं० १८० वि० वेगात और प्रक्ष मानन्द सापन-रेषवत्त (प) व हि का. (40)(-२१ सी) Ratv वि० प्रचार (-1) सवरन गवर-मिनारीदास ( यरत ) | शम्दरागाफी मोर ग फरमा-नीरवास वि.शहनेतकाथाना(-१) रुता पिकलाम पर 12 (-१३ मी) शनीम-जावर ( पुरनबर ) • ना सब राग गौरी और मैस-कमाए रवा नसनमा करिष्ठेगरेमाप्रपदाता। पिकभार वर्गमा देब-१० पफ 1