पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१९९

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शब्द वंशावली-जयीरदास कुन: नि० का. शालिहोत्र-शिवाय सा, वि० हाथियों की सं० १७६४, वि० अात्मिक सत्यता का वर्णन । चिपिमा पा वर्गन । 20 (1-10%) दे० (-1७७ जी) शानिहोत्रवेनी गावि रन: लि. का. सं. शन्द सार घानी-गंगादास रन, पियामि। १२. नियों के गुण दोष शीरचिकिमा मान का वर्णनादे० (दसवी) Fegria 11"( 7-724) शब्दावली-काग्दाम न लि. फा० स० शालिटर-उन मदान मिरता लि का. दि पि० यात्मिक गिता का घर्गन । दे. म मि साग, गुग, दोशटिका (छ-२७७ पी) गगन 2017-४० वी) शब्दावली-कबीरदास न, वि कपीर पंथ के. गालिहोत्र--नेतनवट रन, नि० का मं० ११० सिद्धान्तों का वर्णन । दे०(छ-१७ यय) नि० 10 संघ, विवों को जानि, शब्दावली-दूलनदास यन- नि०का० सर, स्वक्षा चौर चिनिया का यगा. वि० राम नाम के माहात्म्य तथा शान और । (ज-2) भक्ति का वर्णन । (ज-%) गालिहोत्रवानिधि नः नि० का० सं० शब्दावली-संतदास शन:ग्नि का० सं० १६४३. 2010विधानों के ता और चिकित्सा वि०मान और श्वरयंदना । टे०(ज-२०११) का पर्गन । ० (-2) शम्दावली-नोवरदास कृत; नि० का० सं० गालिहोत्र--गंजनसिंह कायम् कृत; नि० का० २८८७, लि० का० सं०६३२, वि०मान और स०१८४० वि० अन्व-निकिन्मा और गुमा- भक्ति का वर्णन। दे० (ज-३१) गुमनारायणेन । दे० (ज-) शांति शतक-महाराज विश्वनाथसिंह नः । शालिहोत्र--इयागम फन; नि० का० go लि० का० सं० १६३५; वि० वैगम्य, मान और १८४८, लि. का० वि० प्रश्न भक्ति का वर्णन । दे० (घ-१४ ) निश्मिा नया लक्षण वर्णन । दे० (-१२१बी) शालिग्राम-जयपुर निवासी; अरित रसिकांबिंद शालिहोत्र-र० समान लि. का० सं० १-५३, और बालमुकुंद के पिता; सं० १८५७ के पूर्व वि० संस्कृत के नकुरन फन शालिहोत्र का वर्तमान ये। दे० (छ-१२२) भागनुवाद घोड़ा के लक्षण और चिकित्सा शालिहोत्र-मानसिंह अवस्थी कृन, लि. का० का वर्णन | दे० (ज-२०४) (क-६८) सं० १८६६, वि० अश्व-चिकित्सा का वर्णन ! शालिहोत्र—गजा त्रिविक्रमसेन कृत, नि० का० दे० (२-७३) मं० १६६४ लि० फा० मं० २६२३, वि० मात्र शालिहोत्र-पृथ्वीराज प्रधान कृत, लि० का० चिकित्सा तथा उनके शुभाशुम लक्षण का सं० १६०६, वि० अश्व चिकित्सा का वर्णन । वर्णन । दे० (ज-३२२) दे० (५-६५) शाह आलम-दिल्ली का बादशाद, सं० १८५०