पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२०२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

[E) भोड़ा गांव राजा पिन गयोत के भाभित।। घुमा (सुलतान)-बिसी के माया शाहजहाँ निम्न nिa (छ-110) के पुत्र, पारा यि के माध्यम शिराप मिम ( कपा)-मानदाप्त मिथक के सामग पर्तमान। 2016-38) पिता माठि के ग्रामस स के पूर्व शुभफरन--स० १७.२ प्रगगम पर्तमान, कर्ना वर्तमामा मा मधुकर शाह मारावास के इसके मवाय अनवरों के माभित थे। पंचों के पुन पुतरित घरपुगे समीपस्थ इम्हाम बिहारी सपा पर टीका शिजी की। पत्तनपुर फानियाली । दे०(ख) भगवर वादे.(3-31(10) शिवलाश पाउE-HOTE सगभग प (नाम में मूत है। मान, रामपरित मानस मुगायती कथयिता भंगार-न विषय में भी बात नहीं ! के गुरु थे।०(-१) शायर परस्पर समाप के वैष्णव थे। पिशप पा०(7-१२) बबब रासमा २०(१-३९) पार मदे०(८-१३) शृगार-देनी कविता मि० का० सं०१ शिगनी--महा साम्राम्प के साएका सम्म लिका स0 1200 विगार रस का०स०१६ मृत्यु का भूषण कपिलो में माविका-मेयमन दे० (-६२) चपि के मामरावा ये; बारशाह औरंगजेए | शृंगार कुस्लीमीप्रसाद न मि० ० स० कोशॉ फरवार परास्त विपाया। ६० 18निका० सं०११ वि०मारिका मेर एन ० (-) शिमानद-स० १४१ क सरमा तमाम, ५ भूगा परिवहीनन यफ फत, निकाल भूपू भाभम म पोप काम की दूरी पर हलो HONEYNORT० मे. कि मामक मियासी । माविकाभेर और भले हार।०८-६५५) शुन सान पिस पा(R-33) गगार दर्पण--प्रारमा छन, नि० का १० गुरुदेव-स010 मगभग पतमान, इनक २७ कि० माविका मेद और नयरस । पियप में और दुरशात नहीं। बधिर रिपा दे० (-1) भूगार निर्णय-मिजारी (वास) का to शक रंमा सनाद-मयलसिंह (प्रधान) गापिका भेद और वाव माप का वर्षमा २० मि० काम लि018RY पिकमा मौर पर सपाद कायसनामगार पक्षीसी-गोपाल कृत, वि० गाए (६-ईएफ) सपो २५ सयों का समद और प्रत में पमा समाचार्य-प्रम पानु गुर थे, इनके पिपप की दुटि ।६०(१-७४) में और कुछ मोल नहीं।०(-1) भूगार मंमग-मापसाहिता निकाम -