पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२०५

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- [ १७२ ) कृत लि. का० सं० १.२३, वि. वेदांत । १७३३, लि० का० सं० १८५६, वि० महाभारत दे० (ख-५८) के द्रोण पर्व का अनुवाद । दे० (ज-१६०) पटपश्न-र० अशात, वि० वेदांत । दे० (ग-१२) | संग्रामसिंह-ये सिरमौर बंश के राजा थे, सं० पटपश्ची–मनोहरदास कृत, लि० का० सं० १८६६ के लगभग वर्तमान; काव्य, पिंगत्व, १८४०, वि० वेदांत।दे० (छ-२६३ डी)(घ-१५२) भूगोल, खगोल आदि के अच्छे ज्ञाता थे। संकटमोचन-नवनिधि कृत; लि० का० स० काव्याणव दे० (अ-२७६) १६६२, वि० परमेश्वर की स्तुति । संजीवन सार-नौने शाह कृत, नि० का० सं० (ज-२१२) १८६६, लि. का० सं० १६२८, वि० वैद्यक। संकटमोचन--रामगुलाम द्विवेदी कृत, नि० का० दे० (छ-२० सो) सं० १६३६, वि० हनुमान जी की वंदना । दे० संत उपदेश-शिवनारायण कृत, वि० उपदेश ! (ज-२४७५) दे० ( अ-२६४ ई ) संकेत मुगल-मुंदर कुँचरि कृत, नि० का० स० १८३०, वि० राधा कृष्ण के रास विलास का संत कविराज-दरभगा-नरेश महाराज लक्ष्मी- वर्णन । दे० (ख-88) श्वर सिंह के प्रधान कवि, सं० १६४२ के लग- संगीत भाषा-हरिवल्लभ कन; वि० संगीत शास्त्र भग वर्तमान, रीवॉ-राज्य निवासी, कवि ने का वर्णन । दे० (ख-६१) अपना ग्रंथ द्रभंगा के दीवान शिवप्रसाद को समर्पित किया है। संगीत सार-तानसेन (त्रिलोचन मिश्र) कृत, लि. का० सं० १८८ः, वि० संगीत शास्त्र- लघमीश्वर चैदिका दे० (क-५१) सबंधी रागों के नाम, प्रयोग, ताल-मेद और संतदास-सं० १६६२ के पूर्व वर्तमान, चतुरदास प्रस्तारादि का वर्णन । दे० (ख-१२) के गुरु, अपने गुरु की आज्ञा से भागवत का -सम्मन कृत, वि० नीति के दोहे । दे० अनुवाद किया था। दे० ( क-७१) (ब-११०) (छ-२२८) संतदास (शिवदास)-उ० हजारीदास, ये संग्रह-माधुरीदास कृत, नि० का० स० १६८७, व्रज के संतदास से मिन्न हैं, कबीरपंथी '.- वि० कृष्णलीला-संबंधी कविताओं का सग्रह। साधु थे। दे० (ग-१०४ नौ ) शब्दावली दे० (ज-२८१५) संग्राम रत्नाकर-रसानंद मट्ट कृत, नि० का० सं० स्वाँसविलास (ज-२८१ यी) १८६६, लि० का० स० १६१४, वि० महाराज | संत परवाना—शिवनारायण कृत, वि० शानोप- युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ का वर्णन । दे० देश । दे० (ज-२६४ डी) (ज-२६०) सविचार-शिवनारायण कृत, वि० श्रात्म-ज्ञान- संग्रामसार-कुलपति मिश्र कृत, नि० का० स० वर्णन । दे० (ज-२६४ सी) संग्रह---- .