पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२२४

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1 [ 18 ] हपुरंत मोष्पगापो कपा-महारापमलकाना निनुमान जन्मजीवा-केर कविता वि.का. का १०११,1ि0 स.७३ वि० HOME हिनुमानजी की जन्म कपा अंगमानुसार शुमानजीक परिधापन । म। दे० अ-४२) हनुमानजी की स्तुनि-इरिमेक क, वि० बननाटक-मन तालिका स- Trry मामी स्तुति। २० (-१५) वि०पमाप की पाकर सहि वरन । पनुमान नाटक--राम पिता कि० का सा दे० (४-२६२) B.पि. राम-रापण युथ का पर्थन । २० अनुपन नाटक मापा-पराम रता मि०का. स- १८॥ लिए की ROPER पिक समानुपान नाटक दीपिका-~-परमाना का वि. नुमधारक की भाषानुराद। २० (८-२७) ससन हनुमनारक की रीका । २०() तुपत्र पपीसी-मान (हुमान) कन, लिकनुमान एपक-मान (मान) र Eि 2018२५ वि० हनुमान जी की स्तुति। माल की स्तुति और प्रार्थमा । दे० (4-02) इजमान पचीसी-माम (मान) हिला बनुभव पसीसी-गणेश कषि का निOTOस स. १६६१ वि०बनुमामी की शुति और सि.का. स. हर घि० हनुमान माना (1-50 सी) की की महिमा का वर्णमादे० (-1) पनुपान पपीसी-टेशपसाद मि० का नुमत पचीसीधारामन, नि060 सलि स. १६३२, यिनुमान १८४५ पिकानुमान जी की स्तुति । ० जीके बा पराकम का यशुमा दे ०३) अनुमानपसाद-पानियास के गुरु सवी संप्र जपत पानचरिष-मसालकवि एतानिका- राय के सापे।देश (१-२७६) R०१ पिक हनुमान जी के पात परित्रानुमान बाहुरू-गोस्वामी तुलसीदास कसा का वर्षमा ९० (प-8) सिक का० स० दूसरीमतिका सं. बनुमन शिम्बनत-मान (तुमान) तालि. २८२ वि० हनुमान जी की स्तुति । ० का.. REEPREVR और सा (4-10) (१-२५५पी) (ज-२२३) वि.नुमान जी का वाईम देनुमान विदारकी~~-मारथ शास्तलि. का० स० १६५४: वि० हनुमामी की स्तुति अनुपानरीयाँ-नाश महाराज रपुरासिंह के और प्रशमा।०(१-४ी) (4-२५) मंत्री के पास के लगभए यतमाम तुपानाकरितालिकाप्रसाद त्रिपेदी वि० दनुमानजी को वरना । १०(2-११८)