पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२२८

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गए थे। परिशीलचरित्र-विहारीपाल, नि. 010 (प्रभाग ) लियायी दिन यमीपुर (माँसी 14लिका HOTE पियर हरि में रहकर टोकमपराभ्यक मामय में दौल की कहानी का पर्पना का दे० (ब-१२) हरिनाप-०१८२ लगमग यतमान, यमा (ब-40) गम नियामो, मानि गुमराती ब्राहमण थे। रिजल्लभ--म के समय पर्वमान बार ०५-16) जानिराशपया हरिनाम लि-पापवाय तानि का गात गौमा दे० (-१७ HOPE निका० मा पिसभा (ग-800(-२६) सण संपपी भिम मिल मयमों पर मामाभ--गीत प्रिया के मछे भात पौग्य पर । १० (६-२४१) पेमके पिपय में चौर बुध पात मही। हरिनाम परिमापती-पारायणदास , fre गीत मा.(प्र-६१) मा० स० 100 लि0 काम 11 किरिन मिसामरिण--सुवरदास कला वि पर धर्म सिखातों का मन । हरि भसम और उपदेश। ३०(220) २०(-1) परिपक्क सिा---जाति कविसा ठाकुप मिना परिनाम पाला-निरसनदास ना नि का० (बगाच) राजा सहन केला ७. 134, विबर के नामों का पर्णेन । भगवर्तमान २-(६-२०२) मात्र पोधि दे० (-०६) रिनागपण- लगभग वर्तमान पक्तिलाम-..पनगर हवा मि० का हम विपय में और भी दात महाँ। स- वि० मलिक सपों का पर्सन पापापा.(म-) हरिनारापण--मनपानास के बिना जानि रिपक्ति पितास दसरा- हरिपक्ति -राजा विक्रमसात के प्रपन्या एल० १८६१ . पूर्व वर्तमान थे। पन.नि... लि. का.स २०(ज-10 फर, वि०मागपम रामम्कंध उत्तराखर रिमाशीस-रिपदासा मि मारानुवारब-३३) का. म. Veda tee का म. वि. मिति विनाम पूर्वाद--गा पिकमसा i विरारी मार्ग की टी(-४) • का० स० वि० माग परिपसाद-मरणाबारी) पिता परीतिर गम सपक पूर्वाय ग अनुदार । (i)लियामी, सर १00 प दत्त मान र पूमर परप भा. (4-7Rejस-मातम , लि का स० १७४। हरिप्रसाद-जाति कापमा पारस्परा पिरि-मनिका पर्णन.(-15)