पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/४

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पीपखरणचम भान मन्दिर, पयपुर प्रस्तावना सन् १६० मारत सरकार खाहार काग्री नागरी प्रचारिणी सभा की सापना निवासी पशिल राधा के प्रस्ताय का लीक | पहले ही पर्व ( सम् १८४३०) में इस सचानको कर मारतवय के भिन्न भिन्न प्रांतों में हस्तलिखित का ध्यान इस मदतपूर्व विषय की मार माकर्षित सस्कृत पुस्तको ही जात काम प्रारम करमा हुमा ! समा मे इस रात को मही माहि समम मिमित किया और इस नियम के अनुसार माझिया मोर ससे इसका पूरा पूरा विश्वास हो गया सफ सात पुस्तकों की वोग का काम सरकार | कि मारता की, विशेष कर उपर भारत की, की भार स माह की पशियाटिक सोसाइटी, बहुन सी साहिरियक सपा पेतिहासिक बाते बेटौ बम्बई और मनास गवर्नेमैटो तथा मम्य सस्थाओं में सपेरी, अंधेरी कोठरियों में बंद स्तलिखित और विज्ञानी बारा निरंतर होता भा रहा है। इस | हिंदी पुस्तकों में छिपी पड़ी है। परि किसी को बोज का ओ परिणाम माज तक इमाई भीर कह पता भी मयता किसी व्यक्ति के घर में इससे मारतवर्ष की जिन लिन साहिस्पिक तया | स्वलिमित पुस्तके सपहीत मी है तो पतिनासिकमाने का पता, परित रामा पाटो मिथ्या मावश भगवा ममामाप के कारण प्प की बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता तथा मारठ इन सिपे हुए रनो को सर्पसापारण के सम्मुख सरकार की समुदित कार्पशापरता और विद्या- उपस्पि कर भएनी देण्मापर के साहित्य को लाम रसिया के अस्पन मोर न्वय प्रमास । सस्कत पहुँचान भोर उसे सुरक्षित करने से परामुखको पुस्तकों की भाम-सबपी गर भीलहान, पूर, रहे है। पौरर्सग मोगरहर भीर मर्मत मादि की रिपोर्टों समा पह सप्ती मोसिसममन्त्री थी कि इन साभार पर सर प्राकृ ने तीन भागों में लिपीई हस्तलिखित पुस्तकों को ई निकर सस्कस पुस्तको वया उमरे कामों की एक गृहत् बने में सपा को प्राप्त करने में बड़ी बड़ी सूची धापी है मोबमास्य को और जिसके कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि देखने से सरकत साहित्य विस्तार तण महरूष सम्पदा कीस बीसवीशवाणी में मी येसे . का पूरा पूरा परिपप मिलता है। इसका नाम से होग मिल माठे हैं जो अपनी प्रापरम दस्त रेमोगस स्टेसोगरम से ही महत्व के प्रयो लिखित पुस्तकों का, देन को गाय का दूर रही, में माफरवृध माक्सफरकी गोलियन बार विधाने में भी भागाकानी करत है । तथापि पार मेरीकाबीपन, पगमिंग की हरिया माफिस की चाकर कियाचित् नीति, धैर्य और पमिम पुलचस्पीपल, और बर का पतिक राज से काम करने पर कुछ नाम अवश्य हागा, समा प्रकार का सूचीपत्र। ने या विचार किया कि यदिरामप्तामे मबार,