पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/४९

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कृत, [ १६ ] उपमालंकार नखशिख वर्णन-बलबीर कृत, मवानीसिंह के धौकलसिंह, भूपसिह, उमराव- वि० नखशिख की शोमा वर्णन । दे० (ग-२७) सिंह, यख्तावरसिंह, ईश्वरीसिंह । । उपलंभ शतक-अन्य नाम उपास्तंभशतक, रसरूप उमादास-पटियाला नरेश महाराज कर्मसिंह लि० का० स० १८९; वि० ऊधो और के श्राधित; सं० १८६४ के लगभग वर्तमान । गोपियों का संवाद । दे० (ज-२६२) कुरुक्षेत्र माहात्म्य दे० (ट-६३) उपवन-विनोद-भाजकवि कृत, नि० फा० सं० माजा दे० (ट-६४) १८८४, लि० का० सं०१६०४, बि० चागयानी, महाभारत भाषा दे० (४-६७) शाईधर के कुछ हिस्सों का अनुवाद । दे० नवरण दे० (४-५) (छ-१५ वी) पंचरम दे०(इ-६) उपसुधानिधि-चदहिन कृत, नि० का० सं० पचनाप दे० (८-६७) १८३५, वि० राधा जी की घंदना । दे० (ज- उमापति-सं० १६-४ के लगभग वर्तमान । ३६ए) अयोध्या माहात्म्य दे० (ख-३१) उपाख्यानविवेक-पहलवानदास कृत; नि० उर्वशी-शिरोमणि मिश्र कन, लि० का० सं का० सं० १६५, वि० शान वर्णन। दे० (ज-२२१) १६३६, वि० कोश । दे०(छ-२३५.) | उपालंभ शतक-रसरूप कृत; लि० का० सं० १८८६ वि० उद्धव और गोपियों का सम्बाद । उसपान-उप० मान, गाजीपुर निवासी, सं दे० (ज-२६२) १९७० के लगभग वर्तमान; बादशाह जहाँगी उमगव-कोप-पुर्वस कवि कृत, नि० का० स० के समकालीन, शेन हुसेन के पुत्र । १८६४, लि. का० सं १६३८, वि० कोष । दे० चित्रावली दे० (ङ-३२) (---) जदाजी-दौलतराव सेंधिया के सरदार; खांडेरार उमरावगिरि-कुँवर सरफराज गिरि के, जो के पौत्र और रानाराव के पुत्र; स० १८७७ कि कवि देवकीनंदन के माश्रयदाता थे, पिता । लगभग वर्तमान; पदमाकर मह के भाभय द० (ख-५७) दाता थे। दे० (च-४३) उमरावसिंह-चौचरी शिवसिंह के पुत्र विश्व ऊधोदास---कवि लालदास भागरा निवासी नाथ पुरानरेश, सं०६४ के लगभग वर्तमान; पिता, बादशाह अकबर के समय में वर्तमान कवि मुबंस शुक्ल के आश्रयदाता, इन्होंने कवि दे० (ख-१०) (ग-२६) को हाथी, घोडे और जागीर भादि दी । ऊपा अनिरुद्ध की कया-रामदास कृत; ती दे०(च-) प्रतियों का लि० का०सं०१८६१, १४३, १६५ इनकी घंशावला इस प्रकार है। वि० ऊपा और अनिरुद्ध के विवाह की कथा बालचद-अमरसिंह-शिवसिंह+भवानासिंह। दे०(छ-२१२५) N