पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/५७

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[ २४ ] काव्यनिर्णय-भिखारीदास कृत, लि. का काव्याणव-संग्रामसिंह कृत, नि० का० सं० स० १८७१, वि० काव्य के अंग और लक्ष. १८६६, लि० का० सं० १८६५; वि०पिंगल, रसों गादि । दे० (घ-६१) का रूप, काव्य दोप, भूगोल, खगोल मादि काव्य-प्रभाकर-रामरात राजा कृत, वि०संस्कृत का वणन । दे० (ज-२७६ ) काव्य-प्रकाश का अनुवाद । दे० (छ-३१५) काशिराज प्रकाशिका-सरदार कवि कृन; वि. काव्यमंजरी-प्रद्युम्नदास कृत, नि० का० सं० कविप्रिया की टीका; दे० (उ-५६) १७३६, वि० काव्य अथ भावरस वर्णन । दे० काशी और चिंतामणि-इन दोनों कवियों के विषय में कुछ ज्ञात नहीं। काव्यरत्नाकर-रणधीरसिंह कृत; नि० का०सं० ज्ञान सुरेका दे०(छ-२७८) १८८७, लि० का० सं० १९२५; वि० अलकार। काशीखंड भोपा-जयनारायण कृत, वि० काशी दे०(छ-३१६ ची) खंड का मापानुवाद । दे० ( ज-१२६) काव्यरसायन-देवकवि ( देवदत्त ) कृत, वि० काशीनाथ-केशवदास के पिता। दे० (क-५२) नायिका, रस, अलंकारादि वर्णन । दे० (च- काशी पंचरत्न-दीनदयाल गिरि कृत, वि० काशी २६) (छ-१५६) की शीमा का वर्णन । दे० (ङ-६१) काव्यविनोद-अन्य नाम काव्य-गुणनिरूपण, काशीयात्रा-माधवप्रसाद कृत, वि० काशी की प्रतापसिंह कत, नि० का० सं० १८६६, लि० १६ यात्राओं में आनेवाले स्थानों और देष- का० सं० १८६६, वि० काव्य-भेद, लक्षणोदि मदिरों का वर्णन । दे० (ज-१७% ) वर्णन। दे० (छ-६१ एच) काशीराज-लक्ष्मीनारायण के पुत्र थे, इनके काव्य-विलास-प्रतापसिंह कृत, नि० का० स० विषय में और कुछ भी ज्ञात नहीं। १८८६; लि० का० १८६४, वि० लक्षणा, व्यजना, चित्रचदिका दे० (ज-१४५) भावानुभाव आदि का वर्णन । दे० (च-४६) काशीराम-जन्म का० सं० १७१५, औरंगजेब के (छ-६१ वी) स्येदार निजामतखाँ के श्राश्रित; राजकुमार काव्य-सरोज-श्रीपति कृत, नि० का० सं० लक्ष्मीचंद के हेतु पुस्तक का निर्माण । १७७७, वि० कविता की रीति का वर्णन 1 दे० कनकमजरी दे० (घ-७) (ज-३०४५) काष्ठजिहा स्वामी-उप० देह, काशी-नरेश महाराज कान्य सिद्धान्त-सूरत मिश्र कृत, वि० काव्य ईश्वरीप्रसाद नारायण सिंह के अध्यापक रीति, नायिका भेदादि । दे० (छ-२४३ ई) तथा आश्रित, सं० १८६७ के लगभग वर्तमान । कान्याभरण-चंदन कवि कृत, नि० का० सं० पदापली दे० (ख-१४) १८४५, लि० का० सं० १९४४, वि० अलंकार रामलग्न दे० (छ-१७६) के भेदों का वर्णन । दे० (ज-४०) रामायण परिचर्या दे० (ड-६६)