पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/६४

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स०१७.वि०पाक्षमीकीपरामायण प्रयापपर खौ गुजा-दिसपी काग्मराय, वारशाह मुहम्मद कांशकालदरका भागनुवादा(-२५) गारका समकालीम, स. १५लगमग कौशलेद स्य-मम्य माम रामहम्म, राम पर्तमान, कवि जगजकिशोर भर भाग्य भरण्याम न 1ि0 मETE पिक पाता। ऐ०(-1) हान, मति और प्रेम प्रादि का चयन 120 खानेमावादशमोग्गव रेभीर, हिम्मत रवों में पिता। दे० (-२) क्षेपकरन मिथ--मगन नीती (बारा) सालिनामा-गज भुलेमार वि० मुसाह मियामी काम का समापुकाम मामा के पंगपर माम्मद सापकर या (भाषाकायसग्रहमा पनि पास जामा मममी पप्रावामा मशनमा पिसा पे। इप्यारिवाएन१० (-४४) खुमान-गुमान पिकेमाई, गोपालमणि त्रिपाठी खान कपि-पोखरपा दिलीपनगर (बलिया) के पुग) महामा निवासी स०१८२८ के खममा के निवासी कायम्पा मकसद पुष स. वर्तमान10 (-२) NETRIEVEकेगमग पवमानः रामा स्खुमान कपि-उप. मामा कसरीप्राम निधासी, रामचद्रतिपा नरेश के समकालीन थे। जाति के पड़ीजना पमा मरेश माराम विक्रम अधामा छपान (६-४५) सिंह के मामिला रनके पूर्व महाराजा गमामाइयांनी या दे० (-4पी) माज और समके षशाकमाधित होने मार भूषपदाम देव (0-1मी(R-EN) से०१५लगमग वर्गमान। भार प्रराय दे० (-1डी) अमर ाश दे. (ब-:६) (4--४) (क शनि पपप दे० (-1ET) ७०) ३० मान (-१६) मरमश भाईसी-झी मुनिकता (उप० प्रीतम) सुमानमिा-परमारी (रेलपा) के राया, सं० कुमा निकास मि०परमों का Poes के लगभग वर्तमान, रविवच (दस) ममात्र पर्णन। ३० (-30) प्रयागरात के माममा। २. (म-1) (4- सहिपा मगानी-स ०५ के लगमा वर्ष ५५) (1-48) + माग, मारवाड़ क रक्षा ससपतसिंहसुर्रम (शारनामा)—प० गालबहाँ विसी के बाद परबारी शमि परम्दीत पुसक में रतलाम के द महाँगीर के पुत्र। २०६४ सामग राजा रमममहेश का जोजसपतसिह पतंमा बितौर फराणा अमरसिंह के साथ मोर से मोरंगप से लड़कर युर में इनका युरमा था ये कुवर करणसिंह को मारे गए थ, पथ पर्णन किया है। अपने सरप बारगाह जागीर के दरबार में ले रतनयाय पायोत पविकावे.(ग-४) गए थे। दे० (-६४)