पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/७०

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[ 10 ] ! एस्पाप मरिमा-गरमान लिकरा लि० का० पलालसिंह [अरूणी-पर (पलपर) स1:२८ पि.दिस गुमाय गुरु का प्ररामा। निवासी सामगभग समान। १०(५-२०४सी) रनामा दे० (-२) गुरुमसाद-म० के मगमा यतमानालक गोल-बलरामपुर ( गाँस) नियासी कायम्प, विषय में और कुछ भी मात महो। महारामविजयसिंह माथिस 1800 सायर दे० (२-२५) (८-३२८) केलगमग वर्तमान । गुस्पकिपिलास-परमानद हिनालिका मामरलाकर (ज-सए) सामरिसोर २०(ब-६५/बी) सं० १ वि० गुरु प्रति मति और सम्माम अपपारा पुगणक भाधार पर सिया गोइतकार--श्रीमदाम ला लि० ० स. गया ५० (१.२०४ी) PE वि० रुप्प का गोकुल-परिधा दे. गुसतमास-घरदाय के गुर।२० (स-११०) गोमनाप-रधुमाघ श्वोधन क पुत्र, बनारस गुलनार चमन-मदत ग्रीतल प्रसाद मलिक लिपासी, कामी मरग महागा खेससिंह, कामु018 थिएगाररस की कयिता। महाराज बरसिदमीर महाराब विध १०(-२४) नारायणसिंह क भाभिठ, स. १८३३ के पूर्व गुल्जारारोप रषिके पिता मीर ला कथि से सबके पमान तक पतमान थे। के पुत्र थे। दे० (प-स) भामरममाम(बरकोर)दे०(क-२) गुलाबलाल { गोली)-मनुमानतः १६ पी (-१){म-३०) शनापी के माप में यर्समा मालिक रापा प्य विलास २० (प्र-१५) गास्वामी गोरचमहाल मी प्रपितामा । भीखाराम गुमाया दे० ।-२५) मलाप समा मजबसार २० (-100) घलापसिंह-ममूलसर निधामी, . ५ में सरि पुत्र मन दे०(५-३५) (२-१२३) खगमग समान, गौरीराम पुत्र, मानसिंह का दे० (-१२) (-४ी) विषय । मामान रपंच दे० (८-१५) भोप काय दे०(प-30)(अ-११०) पापा कोमल सिम दे.(ब-सी) हुलापनकी- सलीम, लिपाम (हवा) गोपन भागम-महाराज सापसिंह सर मिबासी पार क पुष, स०१७६५ के मागरीदास मा विगायन पूमा वर्षन । गमगपतमान । ३०(ब-१) इशिक Ma(धा )२० (च-१५) गोप करि-गास ( मा) निपासी सं. मोपले.(-1)(E-१५) १४. लगभग पतमा उ. पोपाहर