पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/७८

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t way ) दुरिमारिन शीला-इसराइ परी A; लि. मक समिती १०(च-२४३) का० सा, वि० सम्ण के मनहारिन का | चौका पर की रमैनी-कीरवास करा पि० देश सरफर रापा के पास जाने की सीमा पानोपरे । दे० (स-४० एम का वर्णन। दे० (-) चौमीसा-बीबास कठविमान | २०(ब- चूक विवेक-खम कषि तालिका०स० 1५३ भो) १८५ मिमीति वर्षन । दे० (6-100) चौतीसी-यसिंह रुता नि० का० स० १० पूडामणि-मोदनसान के पिता जाति के मिश वि०शिक्षा । (५-१० वी) प्रापण भरणारी निवासी।२० (-10) पातीसी--विश्वनाथसिंह या विधान। दे० दामणि शन-रामाय वि० शकमा (ज-३२ सी) वाली 120(7-18सी) पेत चदिका-पोकलमाप तालिका० स० पौरासी मी का माहात्म्य-पूजीवशासक पि० राधावलमी संपाय के चौरासी NEET, बि० अलकार। दे० (-१बी) पम्पपो का मादरम्प पणन 1 ३० (च-३५सरी) (१५) चेतन-कर्मपरित-भपणीस व मि० का० चौरासी रामायणी-विष्यमाप सिह , लिक सालिका सं० १० वि० चेतन का० सं० १E0, यि० रुबीरदास की रमैनी ( पाएमा ) और कम का युद्ध वर्षम। दे० पर दीका "मोपदेश कयन।।( (51) २२६सी) वेतनचंद्र -० २२० के लगभम बमरना महा | चौरासी सार-प्रजजीबन दास , दि० हरि एज अगाडीत मामिट। बरामी के परीकी व्यानोपमा।.(-३शती) साजि० (स-४१) चौसार चक्र-मपुण्माप ) मिस० पेसिक-काग्री नरेश, राम्य का० स० ११० से मि०१ वि० बारात १२ तक कपि गोलमाय और मान कवि की जीत, वर मादिगारकोतिका वर्षमा केमाधयदाता । दे० (ज-सपी) हरसीमारावब विमी (-४)(क-२) प्रकाश मिवारीबास कता विकषिता के मस्सार तिौर पर मादिका पदैन । २० औनराम-१० १०५ के अगमा पर्छमान दुनी (जयपुर)के गोगावत ठाकर पारसिंहक (प-३२) मामिला पद-मजरी-मीराम फत, वि० पिगल वर्णन। मारपवार सानदे(-1) o(4221) नराय–प्रिपाकास के शिष्य, स०१७ के लग ईद-समाकर--मसलास मा नि० का० स० मग बर्डमाला १ वि०पिंगल वर्णम । -(-1)