पृष्ठ:हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1.djvu/१९३

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और अगले पर्प कानूनगोई का स्थायी पद प्राप्त किया। तब से | तक मापने समय समय पर रजिस्ट्रार कानूनगो, सदरनायब नगा और गिरदावर कानूनगो माद कई पदों पर काम किया | इस समय आप पाठ साल से आज़मगढ़ के ग्राफ़िशियेटिंग र कानूनगो के पद पर हैं। उपाध्याय जो वंगला भाषा में भी प्रवीण हैं। आपने बँगला की एक पुस्तकों का भाप्रानुवाद किया है। आपकी सङ्कविलास 3 के मालिक बाबू रामदीनसिंह जी से बड़ो मित्रता थी। उन्हों के नुरोध से आपने "टेठ हिंदी का ठाठ" और "अधखिला फूल" । रचना की थी जिसमें टेठ हिंदी का ठाठ इस समय सिविल र्विस परीक्षा के कोर्स में है। आपने हिंदी भाषा में सब मिलाकर ३ पुस्तकों को रचना का है।