पृष्ठ:हिंदी भाषा.djvu/१५४

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विषय-प्रवेश संसार के भिन्न भिन्न राष्ट्रों में सद्भाव उत्पन्न करने में उस तात्त्विक एकता का उद्घाटन तथा प्रदर्शन करना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है जो उन राष्ट्रों के साहित्य के मूल में है। साथ ही इस तुलनात्मक समीक्षा के द्वारा हम अनेक देशों और समयों के कवियों की व्यक्तिगत विशेषताएँ, उनकी प्रतिभा की दिशा तथा सामयिक स्थिति का भी परिचय प्राप्त कर सकते हैं। उक्त परिचय से हमें अपने समय के साहित्य की त्रुटियों की ओर ध्यान देने और उन्हें यथाशक्ति सुधारने की चेटा करने की भी प्रेरणा हो सकती है। अवश्य ही यह साहित्य का सार्वभौम अध्ययन और पालोचन एक कठिन कार्य है तथा विशेष सूक्ष्म दृष्टि तथा तत्पर अनुशीलन की आवश्यकता रखता है। साथ ही इस कार्य को करनेवाले व्यक्ति में राष्ट्रीय या जातीय पक्षपात लेश-मात्र भी न होना चाहिए; अन्यथा उसका कार्य विफल तथा हानिकारक भी हो सकता है। खेद है कि कतिपय पाश्चात्य विद्वानों ने इस संबंध के जो ग्रंथ लिखे है उनमें पाश्चात्य साहित्य को अन्यायपूर्ण प्रधानता दी गई है। इसका प्रधान कारण राष्ट्रीय पक्षपात ही प्रतीत होता है। इस प्रणाली का अनुसरण करने से किसी उच्च उद्देश्य की सिद्धि नहीं हो सकती वरन् अज्ञान तथा कटुता की ही वृद्धि होगी। भौगोलिक कारणों से अथवा जलवायु के फल-स्वरूप या अन्य किसी कारण से, प्रत्येक देश अथवा जाति के साहित्य में कुछ न कुछ . विशेषता होती है। जब हम यूनानी साहित्य, जातीय साहित्य अँगरेजी साहित्य अथवा भारतीय साहित्य का नाम लेते हैं और उनके संबंध में विचार करते हैं तो उनमें स्पष्ट रीति से कुछ ऐसी विशेषताएँ दिखाई देती है जिनके कारण उनके रूप कुछ भिन्न जान पड़ते हैं तथा जिनके फल-स्वरूप उनके स्वतंत्र अस्तित्व की सार्थकता भी समझ में आ जाती है। यह संभव है कि कोई विशेष कलाकार किसी विशेष समय और कुछ विशेष परिस्थितियों से प्रभावा- न्वित होकर विदेशीय या विजातीय कला का अनुकरण करे तथा उनके विचारों की आँख मूंदकर नकल करना प्रारंभ कर दे परंतु साहित्य के साधारण विकास में जातीय भावों तथा विचारों की छाप किसी न किसी रूप में अवश्य रहती है। और इसका एक कारण है। प्रत्येक सभ्य तथा स्वतंत्र देश का अपना स्वतंत्र साहित्य तथा अपनी स्वतंत्र कला होती है। भारतवर्ष में भी साहित्य तथा अन्यान्य कलाओं का स्वतंत्र विकास हुश्रा और उनकी अपनी विशेष- ताएँ भी हुई। भारतीय साहित्य तथा कला की विशेषताओं पर