पृष्ठ:हिंदी भाषा.djvu/१६२

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विषय प्रवेश कविता के नहीं है, उसकी शैली के हैं। दोनों प्रकार की कविताओं में . कवि के श्रादर्शों का अभिव्यंजन होता है, केवल इस अभिव्यंजन के ढंग में अंतर रहता है। एक में वे आदर्श, श्रात्मकथन अथवा आत्मनिवेदन के रूप में व्यक्त किए जाते हैं तथा दूसरे में उन्हें व्यंजित करने के लिये वर्णनात्मक प्रणाली का आधार ग्रहण किया जाता है। भारतीय कवियों में दूसरी (वर्णनात्मक) शैली की अधिकता तथा पहली की न्यूनता पाई जाती है। यही कारण है कि यहाँ वर्णनात्मक काव्य.अधिक हैं तथा कुछ भक्त कवियों की रचनाओं के अतिरिक्त उस प्रकार की कविता का अभाव है, जिसे गीति काव्य कहते हैं और जो विशेषकर पदों के रूप में लिखी जाती है* साहित्य के कलापन की अन्य महत्त्वपूर्ण जातीय विशेषताओं से परिचित होने के लिये हमें उसके शब्द-समुदाय पर ध्यान देना पड़ेगा, साथ ही भारतीय संगीतशास्त्र की कुछ साधारण चातें भी जान लेनी होंगी। वाक्यरचना के विविध भेदों, शब्दगत तथा अर्थगत अलंकारों और अक्षर मात्रिक अथवा लघु गुरु माभिक श्रादि छंदसमुदायों का विवेचन भी उपयोगी हो सकता है। परंतु एक तो ये विपय इतने विस्तृत हैं कि इन पर यहाँ विचार करना संभव नहीं और दूसरे इनका संबंध साहित्य के इतिहास से उतना पृथक नहीं है जितना व्याकरण, अलंकार और पिंगल से है। तीसरी बात यह भी है कि इनमें जातीय विशेषताओं की कोई स्पष्ट छाप भी नहीं देख पड़ती, क्योंकि ये सब बातें थोड़े बहुत अंतर से प्रत्येक देश के साहित्य में पाई जाती हैं। यद्यपि हमारे शब्द-समुदाय के संबंध में यह यात अनेक यार कही जा चुकी है कि यह अत्यधिक काव्योपयोगी है, परंतु साथ ही यह भी ___ स्वीकार करना पड़ता है कि इसमें क्रियाओं के हिदा का शब्दसमूह सूक्ष्म विभेदों तथा अनेक वस्तुओं के श्राकार-प्रकार तथा रूपरंग-संबंधी छोटे छोटे अंतरों को व्यंजित करने की क्षमता अपेक्षाकृत कम है। सूर्य, चंद्रमा, वायु, में तथा कमल आदि कवि- हृदयों को स्पर्श करनेवाली वस्तुओं के अनेक पर्यायवाची शब्द हैं, जिससे उनके समयोचित उपयोग में बड़ी सुगमता होती है और जिससे काव्य में विशेष चमत्कार या जाता है। परंतु हरीतिमा के अनेक भेदों अथवा पत्तियों के उड़ने के अनेक स्वरूपों के व्यंजक शब्द हिंदी में उतने नहीं मिलते। खड़ी बोली में तो क्रियापदों का प्रभाव इतना खटकता

  • श्राजकल हिंदी में अँगरेजी के दंग की Lyric कविताएँ भी लिखी जाने

लगी हैं परंतु ऐसी रचनाओं का अभी प्रारंभ हो हुआ है।