पृष्ठ:हिंदी भाषा.djvu/३६९

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आधुनिक काल ३६६ अनुभूतियां सामान्य अनुभूतियों से विभिन्न है; पर वे सत्य है, अतः उनमें रसात्मकता पूरी मात्रा में पाई जाती है। हिंदी के कवि जायसी ने प्रकृति के विविध रूपों में अनंत विच्छेद और अनंत संयोग की जो झलक दिखलाई है, उसका उन्होंने स्वतः अनुभव किया था, केवल सूफी संप्रदाय की किंवदंती के आधार पर वह अवलंबित नहीं है। (हिंदी की अाधुनिक रहस्यवाद की कविता में थोड़ी बहुत सांप्रदायिकता अवश्य घुस आई है। छायावाद की कविता में सबसे खटकनेवाली धात उसके भावों की प्रासादकता है। इस संसार के उस पार जो जीवन है उसका रहस्य जान लेना सबके लिये सुगम नहीं है। दार्शनिक सिद्धांतों की अनुभूति भी सबका काम नहीं है। यह मान लेना कि जो सुग- मता से दूसरों की समझ में न पा सके अथवा जिसमें विभिन्न या विपरीत भावों के द्योतक शब्दों का साहचर्य स्थापित किया जाय ऐसी कविता प्रतिभा का एकमान द्योतक है. कहाँ तक अनुचित या असंभव है, इसके कहने की आवश्यकता नहीं है। पर इस कारण निराश होने की आवश्यकता नहीं है। समय के प्रभाव और विद्या के प्रसार से जब यह प्रवाह संयत प्रणालियों में चलने लगेगा तव हिंदी कविता का यह नया विकास बड़ा ही मनोरम होगा। यहाँ पर यह कह देना भी बहुत आवश्यक जान पड़ता है कि हिंदी के रहस्यवादी कवियों में जिनकी गणना होती है, वे सब के सब रहस्य- वादी नहीं हैं। उनमें से कुछ ने तो रहस्यवाद की छायावाद के कवि ६ क काय - एक भी कविता नही लिखी अँगरेजी लीरिक कविता के ढंग पर रचना करनेवाले कितने ही नवीन कवि रहस्यवादी कहलाने लगे हैं, खावू जयशंकर प्रसाद कुछ पहले से ही रहस्यवाद की रचनाएँ करने लगे थे। उनकी कविता में सुफी कवियों का ढंग अधिकतर पाया जाता है, यद्यपि अँगरेजी कविता को पालिश भी उनमें कम नहीं है। प्रसादजीने संस्कृत साहित्य का भी अच्छा अध्ययन किया है और उनकी कविता की भाषा संस्कृत-प्रधान होती है। जयशंकर प्रसादजी अत्यंत भावुक हृदय हैं। उनकी कविता भी अत्यंत भावुकता-मयी है। (सूक्ष्म लाक्षणिकता और भावनामय आभ्य तर जीवन का स्पष्टीकरण उनकी विशेषता है। वे आर्य जाति के अतीत के बड़े उपासक है। उसका पुनर्निर्माण कर वे अपने नाटकों और काव्यों के रूप में जगत के सामने रख रहे हैं। उनके नाटक या तो भावनाओं से संबंध रखते हैं या भारत के अतीत काल से । अजातशत्र, राज्यश्री, स्कंदगुप्त, जनमेजय का नाग यश, चंद्रगुप्त आदि नाटक सब प्राचीन भारत से संबंध रखते हैं और