पृष्ठ:हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास.djvu/६५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

( ५१ )

वैसे ही सिंध से हिंध अथवा हिन्द बन गया और इसी हिन्द से ही हिन्दू शब्द की वैसे ही उत्पत्ति है, जैसे इण्डस से इण्डिया और इण्डियन की। जब मुसल्मान जाति विजेता बनकर भारत में आई, तो वह यहां के निवा- सियों को इसी प्राचीन नाम से ही पुकारती रही, अतएव उसके संसर्ग और प्रभाव से यह शब्द सर्व साधारण में गृहीत हो गया । इस सीधी और वास्तविक बात को स्वीकार न करके यह कहना कि हिन्दू माने काफ़िर के हैं, अतएव वलात् यह नाम हिन्दुओं से स्वीकार कराया गया, अनुचित और असंगत है"।

डाक्टर जी० ए० प्रियसन क्या कहते हैं उसे भी सुनिये-

“यूरोपियन लेखकों ने 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग बड़ी लापरवाही के साथ किया है । यह फ़ारसी शब्द है, और इसका अर्थ है, भारत का अथवा भारत से सम्वन्ध रखनेवाला । परन्तु लोग इसका सम्वन्ध हिन्दू शब्द से वतलाते हैं, जो ठीक नहीं। पुराने समय में भी मध्यभारत की भाषा, भारत में सब से महत्व की होती थी। यह स्थानीय भाषा ही नहीं है, वरन् एक प्रकार से 'हिन्दुस्तानी' है - जो कि उत्तरी और पश्चिमी भारत के वोल- चाल की भाषा है" * मुसल्मान लोग हमारी देश भाषा को बहुत पहले से हिन्दी कहते आये हैं, इसका प्रमाण खुसरो की रचनाओं में मौजूद है। खुसरो ईस्वी तेरहवें शतक में हुये हैं-उन्हों ने हिन्दी भाषा में भी रचना की है । हिन्दुओं को फ़ारसी सिखलाने के लिये उन्हों ने खालिकबारी नाम की एक पुस्तक लिखी है-- उसमें वे कहते हैं---

  • The term “ Hindi " is very laxly employed by European writers. It is a Persian word, and properly means “ of or belonging to India,"as opposed to " Hindu,” a person of the Hindu religion......As alsowas the case in ancient times, the language of this tract (i.e. Madhya-desha) is by lar the most important of any of the speeches of India. It is not only a local vernacular, but in one of its forms, "Hindustani,"it is spoken over the whole of the north and west of continental India as a lingua franca......"-Bulletin of the School of Oriental Studies,London Institute. pp. 50-5 ( 6)