पृष्ठ:हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास.djvu/७३२

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से होता आया है। किन्तु इस समय वह उन्नत दशा में नहीं है। श्रीयुत पं० अम्बिका प्रसाद बाजपेयी द्वारा सम्पादित स्वतंत्र' और बाबू मूलचन्द अग्रवाल बी० ए० सम्पादित विश्वमित्र' यथेष्ट समुन्नत हैं। ये अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं और अधिक संख्या में उनका प्रचार भी है। युक्त प्रान्त का पं० बाबूरावबिष्णु पराड़कर सम्पादित 'आज' और पं० रमा-शंकर अवस्थी का 'वर्तमान' भी अच्छे दैनिक हैं, और समयानुकूल हिन्दी भाषा और देश की सेवा करने में प्रसिद्ध हैं। पं० द्वारका प्रसाद मिश्र बी० ए० सम्पादित जबलपुर का 'लोकमत' अच्छा दैनिक है। लाहौर का'मिलाप' भी एक प्रकार से उत्तम है। इन दोनों दैनिकों की यह विशेषता है कि ये ऐसे स्थान से निकल रहे हैं जो हिन्दी भाषा के लिये अब तक उबर नहीं सिद्ध हुये। फिर भी वे अपने अस्तित्व को सुरक्षित रख कर .चल रहे हैं, यह हिन्दी भाषा के लिये हृदयों में आशा का संचार करने वाली वात है। काशी का द्विदैनिक पत्र पं० जानकीशरण त्रिपाठीसम्पादित सूर्य भी इस योग्य है कि उसका स्मरण किया जावे । वह शान्त भाव से अपने पथ पर अग्रसर हो रहा है और धीर भाव से धर्म औरदेश दोनों की सेवा कर रहा है। लोडर प्रेस का मारत' ही हिन्दी संसार का एक अर्द्ध साप्ताहिक पत्र है। इसका सम्पादन पं० नन्ददुलारे बाजपेयी एम० ए० करते हैं। ये प्रतिभावान और चिन्ताशील लेखक हैं। इन्होंने थोड़े दिनों से पत्र सम्पादन का कार्य प्रारम्भ किया है, फिर भी यह कार्य वे सफलता के साथ कर रहे हैं। साप्ताहिक पत्रों में विशेष प्रसिद्ध अभ्युदय'. 'प्रताप', 'बंगवासी', तरुण राजस्थान.' देश'. आर्य मित्र'. सेनिक' का वीर, आदि हैं। उन सबका सम्पादन भी योग्यता से हो रहा है और ये सब सामयिक विचारों के प्रचार और हिन्दी भाषा के विस्तार में विशेष उद्योगवान हैं। काशी से हाल में 'जागरण' नाम का एक पाक्षिक पत्र बाबू शिवपूजन सहाय के सम्पादकत्व में निकला है। बाबू शिवपूजन सहाय अनुभवो और सम्पादन कार्य में एटु हैं। इन्होंने दो तीन सुन्दरउपन्यास भी लिखे हैं जो भाषा और भाव दोनों की दृष्टि से उत्तम हैं। आशा है. कि उनके हाथ से सम्पादित हो कर 'जागरण' हिन्दी संसार में