पृष्ठ:हिंदी रस गंगाधर.djvu/४२५

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पद्य का प्रथमांश पृष्ठांक पद्य का प्रथमांश पृष्ठांक
सुमिरत हू जो स्मृति ते अतिबल २८९
सुरनारिन सँग १३१
सेज-सुई हू सुतनु ३१ हनी गुरुन बिच ३०
सेद सलिल के सघन १७८ हरि माता हरि ही १६२
सोई सविध सकी २७ हिय सेवालनि धारि २३५
सौति-सदन ते २८७ हिय सोई करि २३०
स्मर के सचिव-समान १३४ हे झूँठन सिरमौर २३८