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राष्ट्र के लक्षण
 

लत्ते आदि एक ही साँचे में ढलने लगते हैं। इन बातों की समानता राष्ट्रीयता के भाव को उत्तेजित करने तथा उसे प्रत्यक्ष रूप देने में सहायक होती है।

विद्वानों का मत है कि देश, अर्थ, राज्य, भाषा, धर्म, वर्ग तथा ऐतिहासिक गौरव की समानताओं से बँधे हुए प्रत्येक जन-समुदाय को स्वतंत्र और पृथक् रहने का जन्म-सिद्ध अधिकार है।