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हिन्दी-राष्ट्र
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सामाजिक और न प्रादेशिक! आदर्श रूप से होना क्या चाहिए यह भिन्न प्रश्न है इससे इस समय हमारा सम्बन्ध नहीं है।

भारतवर्ष एक देश नहीं कहा जा सकता

अब अन्तिम मुख्य प्रश्न देश की एकता का रह जाता है। वर्तमान भौगोलिक परिभाषा के अनुसार भारतवर्ष देश (country) नहीं किन्तु उप-द्वीप (Sub-continent) है। योरेशिया महाद्वीप में पाँच उप-द्वीप हैं। (यह बात प्राचीन परिभाषा में इस प्रकार कही जा सकती है कि जम्बू द्वीप में पाँच खण्ड अथवा वर्ष हैं) अर्थात् योरप, पश्चिमी मुसलमानी अन्तरीप, भारत, चीन, तथा उत्तर में साइबीरिया का निर्जन भाग। क्षेत्रफल में भारत रूस को छोड़कर शेष सम्पूर्ण योरप उप-द्वीप के बराबर है, जिसमें प्रायः सोलह भिन्न भिन्न देश माने जाते हैं। प्राचीन काल में भी भारत देश नहीं कहलाता था, किन्तु खण्ड अथवा वर्ष कहलाता था। संकल्प में अब भी "जम्बू द्वीपे, भरत खण्डे, आर्यावर्ते" इत्यादि पढ़ा जाता है। उस समय लोग भारतीय होने पर गौरव नहीं समझते थे, किन्तु मगध, पंचाल अथवा सौराष्ट्र-वासी होने पर गर्व करते थे।

भौगोलिक स्थिति के अनुसार भारत तीन मुख्य भागों में विभक्त किया जा सकता है—१. हिमालय का भूमि भाग, २. उत्तर के विस्तृत मैदान, जो बंगाल की खाड़ी से लेकर अरब के समुद्र तक फैला है, तथा ३. दक्षिण का तिकोना पहाड़ी किन्तु समतल भूमि भाग। इन बड़े विभागों के भी स्वाभाविक उप-विभाग हैं, जिनको