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क्या भारत एक राष्ट्र है?
 

वलम्बी माना जाता है। मुसलमान धर्म के मानने वाले भी अब बहुत बड़ी संख्या में भारतीय लोग हो गये हैं। भारत की जन-संख्या ३२ करोड़ है, जिसमें प्रायः २१ करोड़ हिन्दू धर्म को तथा ७ करोड़ के लगभग मुसलमान धर्म्म को मानते हैं। इनके अतिरिक्त बहुत से भारतीय ईसाई, पारसी, यहूदी तथा बौद्ध इत्यादि धर्म्मों को मानने वाले भी हैं, किन्तु इनकी संख्या हिन्दू तथा मुसलमान धर्म्मों के मानने वालों से बहुत कम है।

धर्म और राष्ट्रीयता का बहुत निकट को सम्बन्ध नहीं है। सम्पूर्ण योरप ईसाई धर्म को मानता है, किन्तु इससे वहाँ भिन्न भिन्न राष्ट्रों के पृथक रहने में कोई बाधा नहीं पड़ती। अमेरिका के संयुक्त राज्य में भी ईसाई धर्म का प्रचार है, किन्तु इस कारण वह योरप के देशों के साथ एक ही शासन में रहना पसन्द न करेगा। बौद्ध धर्म का प्रचार किसी समय प्रायः सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप में हो गया था, किन्तु इससे एशिया महाद्वीप एक राष्ट्र हो गया था ऐसा नहीं कहा जा सकता। आज कल भी मुसलमान धर्म के मानने वाले मिस्र, टर्की, अरब, फ़ारिस तथा अफ़गानिस्तान आदि पृथक् स्वतन्त्र राष्ट्र हैं, किन्तु इस कारण इन सब के एक राष्ट्र होने पर कोई ज़ोर नहीं देता। इतना अवश्य है कि एक ही धर्म के मानने वाले भिन्न भिन्न राष्ट्रों में आपस में कुछ अधिक सहानुभूति रहती है। इसके विपरीत एक ही राष्ट्र में भिन्न भिन्न धर्मों के मानने वालों के होने से राष्ट्रीय ऐक्य में कठिनाई पड़ती है। भारत की हिंदू मुस्लिम समस्या इसका जीता जागता उदाहरण है।