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५. हिन्दीराष्ट्र को दृढ़ तथा स्थायी बनाने के उपाय
हिन्दीराष्ट्र और संयुक्त-प्रान्त

राष्ट्र के लक्षणों के आधार पर पिछले अध्यायों में यह सिद्ध करने का यत्न किया गया है कि भारत एक राष्ट्र नहीं है बल्कि राष्ट्र-संघ है जिसमें आसाम, बंगाल, उड़ीसा, आन्ध्र, तामिल, केरल, कर्नाटक, गुजरात, सिन्ध, पंजाब, महाराष्ट्र आदि अनेक राष्ट्र सम्मिलित हैं। वास्तव में भारतवर्ष की तुलना समस्त यूरोप उपद्वीप से करनी चाहिये यूरोप के देशों से नहीं। भारत के मध्य भाग में हिन्दी-भाषा-भाषी लोगों का देश एक राष्ट्र माना जा सकता है। व्यवहारिक दृष्टि से इसके तीन उप-विभाग किये जा सकते हैं अर्थात् राजस्थान, बिहार और हिन्दुस्तान। हिन्दी-भाषा-भाषियों का केन्द्र हिन्दुस्तान है जिसका अधिक भाग इस समय भी वर्तमान संयुक्त-प्रान्त के रूप में उपस्थित है। इस अध्याय में हम हिन्दी राष्ट्र के इस केन्द्र को दृढ़ तथा स्थायी बनाने के उपायों का दिग्दर्शन कराने का यत्न करेंगे। वास्तव में संयुक्त-प्रान्त ही इस समय भावी सूबा हिन्दुस्तान तथा हिन्दी राष्ट्र का प्रतिनिधि स्वरूप है।