पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/२९

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२८ इतोक-इत्तिला करना ____ पाश्चात्य पण्डितोंके मतमें जगत्को अतीत और | आवृणोति स्खशिखास्थफलेनेति ; इत्-कट-अ, ६-तत् । वर्तमान घटनाको वर्णन हारा साधारणको उपदेश | स्वनामख्यात क्षुपविशेष, किसी किस्मका सर। देना ही इतिहास है। वैकन साहबने दर्शन और इत्कटा (स. स्त्री०) सूक्ष्मपत्रिका एवं दोधलोहित काव्यको नीचे डाल इतिहासका प्राधान्य माना है। यष्टिका काष्ठविशेष,किसी किस्मको लबाड़ी। इसका पत्र उनके सतमें इतिहास हो भूतपूर्व मानव जगत्को छोटा और डण्ठल बड़ा तथा लाल होता है। ( वाग्भट ) आन्तरिक और बाह्य वृत्ति समझनेको मूल स्मति | इत्कर, इतकट देखी। है। डानल्ड साहब समाजको जीवनीको हो इति इतकिला (सं० स्त्री०) किल शौलेप किल-क किलः, हास कहते हैं- इत गतः किल: शौयं यस्याः। रोचना नामक “The general idea of history seems to me to the that सुगन्धि द्रव्य, एक किस्म की खुशबूदार चीज । it is the biography of a scciety * * - History is to the इत्ता, इतना देखो। common life of mans, what biography is to the life of | an individual.' (Arnold's Lectures on historry.) इत्तिफ़ाक, (अ० पु०) १ समय, वक्त। २ खरैक्य, इतिहास जगत्के समग्र पदार्थों के परिवर्तनका। एकदिलो। ३ सङ्ग, साथ। “त्तिफाक बड़ी चीज है।" वर्णन है। केवल मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी, कीट (लोकोक्ति) ४ सम्मति, रजा । ५ समवाय, मेल। ६ पक्ष- पतङ्ग-यहांतक, कि जड़ पदार्थ भी अपना-अपना पात, साजिश। ७ मैत्री, दोस्तो। ८ दशा, हालत। इतिहास रखते हैं। भूतपूर्व राजनीतिको ही इति- ८ कार्य, काम। १० अवसर, मौका। इसका बहुवचन हास मानना भूल है। 'इतिह'का 'पुरावृत्त' और इत्तिफाकात् है। 'पास'का अर्थ 'रहता है। जिस पुस्तकमें किसी इत्तिफ़ाक करना (हिं० क्रि०)१ सम्मत होना, मिल- वस्तुका पुराना वृत्तान्त रहता, उसे ही मनुष्य इतिहास | जुलके चलना। २ मैत्री लगाना, दोस्ती जोडना। कहता है। इत्तिफ़ाकन् (अ० क्रि० वि०) १ अवसरवश, मौकेसे। __ इतिहास लेखकको मित्रको निन्दा और शत्र की दैवयोगसे, एकायेक। प्रशंसा करना पड़ती है। क्योंकि इतिहास सच्चा न इत्तिफ़ाक, बनना (हिं. क्रि०) आनन्द रहना, बखेड़ा होनेसे किसी अर्थका नहीं निकलता। चीनीयों, न पड़ना। रोमकों, यूनानियों और इसलामीयोने इतिहास इत्तिफाक रखना (क्रि. क्रि०) शान्तिपूर्वक रहना, लिखने में बड़ा श्रम उठाया है। दोस्ताना तौरपर चलना। ___प्राचीन आर्यसमाज अच्छीतरह समझता- इत्तिफ़ाकराय (प्र० पु०) सम्मति, मेल-जोल। इतिहास क्या होता, उससे कौन लाभ मिलता और इत्तिफ़ाक होना (हिं.क्रि.) १ सम्मति बैठना, वह किस काम आता था। महर्षि कृष्ण पायनने राय पड़ना। २ मिलना, एक-जसा देख पड़ना। अपनी अमृतानस्यन्दिनी भाषामें कहा है,- ३ मित्र बनना, दोस्तो जुड़ना। "इतिहासप्रदीपेन मोहावरणवातिना। इत्तिफाकिया, इत्तिफाको देखो। लोकगर्भग्रह कत्र यथावत् सप्रकाशितम्।” (महाभारत १।१।८३) | इत्तिफाको (अ० वि०) आकस्मिक, अप्रकृत, नाग- अर्थात् इतिहास ही हमारा मोहान्धकार दूर | हानौ, आसमानी। करता और ज्ञानचक्षु खोल देता है। | इत्तिला (अ० स्त्री०) विज्ञापन, वृत्तान्त, मुखबिरी, इतीक (सं० पु०) जातिविशेष, एक कौम। खबर, चितावनी। इतेक, इतना देखो। इत्तिला करना (हिं० क्रि०) १ निवेदन सुनाना, इतो, इतना देखो। हवाला देना कहना। २ सूचना निकालना, 'इश्तेहार इत्कट (संपु०) इतं गन्तारं समीपस्थ वा कटति' देना, जताना।