पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/३२

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शहादा ५२/ इध्मंजिह्व-दूनामदार ३१ (पुर )

। इषि युधौन्धिदं मुख्याध सूभ्यो मक् । उण् १।१४४ । १ यज्ञीय समिध्, । इन्फिकाक (अ• पु०) परिक्रय, उदार, खलासो, होमकी लड़िी। (पु.) २ अग्निदोपनकाष्ठ, आग कुटकारा। काननमें यह शब्द बन्धक छोड़ने का अर्थ जलानको लकड़ी। ३ प्रियव्रतके पुत्र। (भागवत ) रखता है। इध्यजिह्व ( स० पु०) इध्मं काष्ठ जिह्वेव यस्य, इनफिसाल (अ० पु०) निर्णय, निष्पत्ति, फैसला, बहनी । १ आग्न, लकडीको जीभ रखनेवाली आग। चुकौता। २ प्रियव्रतके एक पुत्र । इनफ येजा (अं० पु. = Influenza) प्रबल श्लेष्मा, इध्यप्रव्रश्चन (सं० पु० ) वृक्षादनी, लकड़ी काटनेका | गहरा जु.काम। यह एकाएक उत्पन्न हो जाता कुल्हाड़ा। और साथ ही अशक्त बना देनेवाला वर चढ़ आता इध्मवाह (सं० पु०) इध्म समिधं वहति, इध्म-वह है। इनफ येञ्जा प्रायः महामारीका रूप बनाता बिण्। अगस्त्य के पुत्र दृढ़स्य। महातेजा अगस्त्यके और समाजके अनेक व्यक्तियोंपर शोज अपना प्रभाव पुत्रने बाल्यकाल होसे पिटभवन में रहने और पिताके जनाता है। होमकाष्ठका भार उठानेसे इध्मवाह नाम पाया है। इनशा (अ० स्त्री०) १ लिपि, लिखावट । २ भाषा- इध्या (सं० स्त्री०) प्रकाशन, सुलगाव । सरणि, इबारत । इन् (सं० पु०) इनोति गच्छतौति, इन्-नक्। इम्पिनि- इनष्टिट्यूट (अं० स्त्री०= 1nstitute ) १ विधि, नियम, दोङ ष्यविभ्यो नक् । उण ३।२। १ राजा, बादशाह, नवाब। कायदा। २ समाज, अञ्ज मन । २ प्रभु, मालिक। ३ सूर्य । ४ हस्तानक्षत्र । ५ ईश्वर इनष्टमेण्ट (अं. पु०- Instrument) १ यन्त्र, (वैत्रि.) योग्य, लायक । ७ शक्तिशाली, ताकत- आला, हथियार। २ कारण, सबब। ३ कारक, वर । ८ प्रथित, मशहर । शखस-दरमियानी, बिचौलिया। ४ लेखपत्र, कबाला । "इनो राजानां पतिरिनः पुष्टीनां सखा ।" (ऋक् १०।२६।७) | इनसाफ (अ.पु.) धर्म, न्याय, अदल, दियानत- (हिं. सर्व०) 'इसका बहुवचन। दारी। इनकम (अं० स्त्री०= Income) अर्थप्राप्ति, आम- इनसाफ़ करना (हिं० कि.) न्याय निकालना, दाद दनी, कमायो। देना। इनकम टैक्स (अं० स्त्री० = Incom-tax ) अर्थप्राप्ति- | इनसाफ़ चाहना (हिं. क्रि०) न्याय मांगना, दावे- का शुल्क, बामदनी पर लगनेवाला महसूल।। दार होना। इनकार (अ० पु०) १ निषेध, नहीं । २ प्रत्याख्यान, इनसाफसे (हिं० क्रि० वि० ) न्यायपूर्वक, ब-इनसाफ, खिलाफ बयानो। ३ मतिभेद, नाराज़ो। ४ निवर्तन, ठीक-ठीक । दस्तबरदारो। ५ अक्षिप, एतराज । इनस्य कर (अं० पु० = Inspector ) निरीक्षक, निगह- इनकार करना (हिं.क्रि.) १निषेध निकालना, वान्, देखने-सुननेवाला अफसर । न मानना। २ प्रत्याख्यान पहुंचाना, अटलाना। इनानी (सं० स्त्री०) वटपत्री वृक्ष । ३ निवारण लगाना, इजाजत न देना। ४ अपङ्गव | इनाम (अ.पु.) १पारितोषिक, कामका फल । अड़ाना, दस्तबरदार होना। ५ विरोध बढ़ाना, बात| २ प्रीतिदान, शुकराना, भेंट। काटना । ६ परित्याग देना, छोड़ना। इनाम-इकराम (अ० पु०) दान-दाक्षिण्य, मान-पान । इनकार करनेवाला (हिं पु०) वाधक, अपवाधक, | इनामका पैसा (हिं० पु०) पारितोषिक वृत्ति, पल- मुनकिर, सरकंश। टेका भत्ता। इनकार दावा ( अ० पु०) स्वत्वप्रतिपादननिषेध, मुता- इनामदार (अ० पु०) निष्कर भूमिका अधिपति, . लबेसे दस्तबरदारी। बेलगान जमीन्का मालिक ।