पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४२९

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४२८ ऋग्वेद अभीवर्त पादिरस, अमहीयु भाङ्गिरस, अम्बरीष | त्वष्टा गर्भकर्ता. दक्षिणा प्राजापत्या, दमन यामायन,. वार्षागिर, प्रयास्य आङ्गिरस, अरिष्टनेमि तार्य, अरुण दिव्य आङ्गिरस, दीर्घतमाः पौचथ्य, दुर्मित्र कौतम, वैतहव्य, पर्चन् हैरथस्तुए, अर्चनाना पात्रेय, अवंद। दुवस्यु वन्दिन, दृढ़च्युत भागस्त्य, देवमुनि ऐरम्मद, काद्रवय, अवत्सार काश्यप, अवस्य पात्रेय, अश्वमेध देवरात वैश्वामित्र, देवल काश्यप, देवरात भारत, भारत, पखसूक्ति काखायन, अष्टक वैखामित्र, देवयवाः भारत, देवश्चवा: यामायन, देवातिथि काखा, अष्टादंष्ट्र वैरूप, असित काश्यप, प्रामा, पायुःकाख, | देवापि पार्टिषेण, द्युतान मारुति, युनविश्वचर्षणि प्रासङ्गमायोगि, इत भार्गव, इयवाह दार्टच्युत, इन्द्र, पात्रेय, युनीक वासिष्ठ, द्रोणशा, हित प्राप्ता, इन्ट्र मुष्कवान्, इन्ट्र वैकुण्ठ, इन्द्रप्रमति वासिष्ठ, इन्द्र- धरुण पाङ्गिरस, ध्र व प्राङ्गिरस, नभः प्रभेदन वैरूप, मातु देवजामि, इन्द्रसूषा, इन्द्राणी, इरिम्बिठि, काख, नर भारद्वाज, महुष मानव, नाभाक काख, नाभानेदिष्ट: इध भावे य, उच्चथ्य पाङ्गिरस, उत्कौल कात्य, उपमन्य मानव, नारद काण्ख, नारायण, निध्र वि काश्यप, . वासिष्ठ, उपस्तुत वाष्टिहश, जरुक्षय भामहीयव, नीपातिथि काख, नृमेध पाङ्गिरस, नेम भागव, नोधा उरचक्रि प्रात्रे य, उर्वशी, उलक्ततायन, उशना काथ्य, | गौतम, पणि नामक असुरगण, पसङ्ग प्राजापत्य पराशर जह पाङ्गिरस, अर्ध्वक्वशन यामायन,ऊर्ध्वग्रावा आदि, शाका, परच्छेप देवोदासि, पर्वत काण्व, पवित्र जव नाभा ब्राह्म, जवसमा आङ्गिरस, ऋजिखा आङ्गिरस, पायु भारद्वाज, पुनवत्स कारख, पुर भारद्वाज, ऋचाख वाषागिर, ऋणञ्चय ऋषभ, वैराज पाङ्गिरस, पुरुमीढ़ सौहान, पुरुमेध पाङ्गिरस, पुरुहन्मा वा भाकर, ऋषभ वैखामित्र, ऋषि दृष्टिलिङ्ग, ऋष्यशृङ्ग पाशिरस, पुरुरवाः ऐल, पुष्टिगु काख, पूतदक्ष वासरशन, एकदू नौधस, एसश वातरशन, एवयामरु- आङ्गिरस, पूरण वैश्वामित्र, पुरु पात्रेय, पृथु वैण्य, दात्रेय, कक्षिवान् दीर्घतमा: (ौशिज), कख धौर, पृश्नि अजगण, पृषध्र काख, पौर पात्रेय, प्रगाथ काख, कत रेखामिच, कपोत नैऋत, करिक्रत वासरशन, प्रचेताः भाङ्गिरस, प्रजापति, प्रजापति परमेष्ठी, कहासिष्ठ, कलिप्रागाथ, कवष ऐलूष, कवि भार्गव, | प्रजापति वाथ, प्रजापति वैश्वामित्र, प्रजावान् प्राजा- • कश्यप मारीच, कुत्स प्राङ्गिरस, कुमार प्राग्नेय, पत्य, प्रतई न काशिराज देवोदासि, प्रतिक्षत्र भावे य, कुमार पात्रेय, कुमार यामायन, कुरुमुति काख, प्रतिप्रभ पात्रेय, प्रतिभानु पात्रेय, प्रतिरथ पाय, कस्मलवहिष शैलषि, कुशिक ऐषोरथि, कुशिक सौभर, | प्रथ वासिष्ठ, प्रभुवसु पाङ्गिरस, प्रयस्वन्तः प्राय, कुसौदी काण्व, कूम्म गात् समद, कृतयशाः प्राङ्गिरस, | प्रयोग भागव, प्रस्कख काख, प्रियमेध प्राङ्गिरस, बन्धु कनु भार्गव, कश्य काण्व, कृष्ण प्राङ्गिरस, केतु आम्ने य, |. गौपायन वा लौपायन, वच पात्रेय, वाहुक्त भावे य, गय पावय, गय प्रात, गर्ग भारद्वाज, गविष्ठिर वुध पात्रेय, वुध सौम्य, वृहदुक्थ वामदेव्य, वृहिव पाय, गातु पावय, गाथी कौशिक, एत्समद पाथर्वण, वृन्मति प्राङ्गिरस, वृहस्पति पाङ्गिरस, पाङ्गिरस शौनहोत्र, गोतम राइगण, गोधा, गोपवन | वृहस्पति सौक्य, ब्रह्मातिथि काख, भयमान वार्षागिर, पान य, गोधूलि काखायन, गौरीति शाशा, धर्म भरहाज वाहस्पत्य, भगं प्रागाथ, भावयव्य, भिक्षु शौर, धर्म तापस, घार पारिस, घोषा काक्षीवती, | पारिस, भिषगाथर्वण, भुवन प्राप्ता, भूतांश चक्षु मानव,चक्षुः सौर, चित्रमहा वासिष्ठ, च्यवन भार्गव, | काश्यप, भृगु वारुणि, मत्स्य सामद, मथित यामायन, जमदग्नि भार्गव, जय ऐन्द्र. जरत्कर्ण सर्प ऐरावत, | मधुच्छन्दा वैश्वामित्र, मनु प्राप्सव, मनु वैवस्वत, जरिता शाज, जामदग्न्ध, जुहु प्रचणस्पति, जुतौ मनु साम्बरण, मन्यु तापस, मन्यु वासिष्ठ, मातरिश्खा वातरशन, नेता माधुच्छन्दः, तपुमूर्दा वाईस्यत्व, सान्च | काख, मान्धाता यौवनाश्व, मान्य मैत्रावरणि, मुगल पार्य, तिरचौर पाङ्गिरस, वसदस्यु पौरकुत्स, वित भायख, मूलवान पाङ्गिरस, मृतवाहा हित पावे य,. अामा, विशिरा:त्वाइ, वियोक काख, भावण बवष्य, मदीक वासिष्ठं, मेधातिथि काख, मेष्य काखा निधा-