पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४५९

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४५८ एकता-एकत्वभावना एकता (सं० स्त्री०) एकस्य भावः, एक-तल टाए। एकतीर्थों ( स० वि० ) एक समं तीर्थ आश्रमोऽस्त्वस्य, १ ऐक्य, वहदत, मेलजोल। २ अभिन्नता, बराबरी।। इनि। १ सतीर्थ, उसी ठिकानेवाला। (पु.) २ एक ३ मुक्तिविशेष। ( फा० वि०) ४ अहितोय, अनोखा। हो गुरुका शिष्य, उसी उस्तादका शार्गिद। एकतान (स.नि.) एकेन भावरसेन तन्यते, तन- | एकतीस (हिं.वि.) एकत्रिंशत, तीस और एक. अण। १ एकाग्र, एक ही काममें लगा हुआ। तीन दहाई और एक एकाई रखनेवाला, ३१ । २ एक स्वर तथा एक तान्नविशिष्ट, जो दूसरा खर एकतेजन (सं० त्रि०) एकमात्र काण्डविशिष्ट, एक या ताल रखता न हो। (पु.) ३ एक ही विषयपर ही डण्डा रखनेवाला। नियोजित ध्यान, जो खयाल एक ही बातपर लगा हो। एकतेश्वर-बंगाल प्रान्तके बांकुड़ा जिलेका एक प्राचीन ४ स्वर एवं ताल की एकता, गाने-बजानेका मेल। ग्राम। यह बांकुड़ा नगरसे दक्षिण-पूर्व १ कोस एकतार (सं.वि.) एका तारा यत्र, बहुव्री० इस्वः। द्वारिकेश्वर नदीके तौर अवस्थित है। एकतेखर केवल एक ताराविशिष्ट, सिर्फ एक ही सितारा! नामक शिवमन्दिर देखने योग्य है। मन्दिरमें महा- रखनेवाला। नभको एकतार देखने पर नारद मुनिका देवके लिङ्गको एक मूर्ति है। लिङ्गको एकतेश्वर स्मरण करना चाहिये। कहते हैं। मन्दिरको बनावट बहुत अच्छी है। ऐसौ एकतारा (हिं० पु.) एक तारवाला सितार-जैसा दृढ भित्ति इस अञ्चलमें कहीं देख नहीं पडतो लम्बा बाजा। कद्दको तोबीका मुह चमड़ेसे मढ़ा मन्दिर अतिप्राचीन है। लाल बिल्लौरी पत्थर जड़ा बांसका एक डण्डा लगा देते हैं। डण्डे के ऊपरी है। बीचमें दो तोन बार संस्कार हुआ है। हिस्मेपर एक खूटी रहती है। खूटोसे मढ़े चमड़े एकतोदत् (स० वि०) एकतो दन्ता यस्य, बहुव्रो. पर लगी घोडियाके नीचे तक एक लोहे या पोतलका दत् आदेशः। एकपाटो दन्तयुक्त, जो एक ही ओर तार चढता है। अनेक भिक्षुक एकतारा बजा बजा | दांत रखता हो। भीख मांगते घूमते हैं। एकत्र (सं० अध्य०) एक-त्रल। सप्तम्यास्त्रल। पा ५।२१०। एकताल ( सं० पु. ) एकः समानस्तालो यत्र, बहुव्री०। १ एक ही स्थानमें, उसी जगहपर। २ एकसङ्क, १तानविशिष्ट, तालसे मिला हुआ। (पु.)२ तान- एक साथ, मिल-जुलकर। विशिष्ट गीतवाद्यादि, सुरीला गाना। ३ एकमात्र एकत्रा (हिं. पु०) निरवशेष, जमा, जोड़। तालवृक्षका पर्वत । एकत्रिंश (सं० त्रि०) एकत्रिंशत् संख्या विशिष्ट, "एकताल इवोत्पातपवनप्रेरितो गिरिः।" (रघु १५॥२३) एकतीसवां। . एकताला (हिं. पु. ) एकतालका गीतवाद्यादि, दूसरे एकत्रिशत् (सं० त्रि.) एकतोस, तीन दहाई और तालकी जरूरत न रखनेवाला गाना-बजाना। इसमें एक एकाई रखनेवाला, ३१ । । भार ३ श्राघात हैं। खालो ताल नहौं एकत्रिक (सं० पु.) यन्त्रविशेष। पड़ता। तबले या ढोलकसे निकलता है- एकत्रित (स. त्रि.) एकत्रप्राप्त, इकडा, जमाया धिन धिन् धा, धा दिन्ता, तादेव धागे तेरे केटे चिन्ता धा। हुआ। हिन्तुस्थानो गाने-बजानेवाले प्रायः अन्तको दादरे एकत्व (सं० ली.) एकस्य भावः, एक-त्व। १ एकता, • एकतालेमें गाया करते हैं। तौहीद, एकाई । २ अभेद, मैन्न । ३ साम्य, बराबरी। एकतालिका (सं. स्त्री०) एक रागिणी। ४ मुक्तिविशेष। व्याकरणमें एकवचनको एकत्व एकताली (सस्त्रो०) एक तासका बाजा। कहते हैं। एकतालीस (हिं० वि०) एकचत्वारिंशत्, चालौस और एकत्वभावना (सं० स्त्री०) एक को चिन्ता, एक का एक, चार दहाई और एक एकाईसे बना हुबा, ४१।। खयाल। जैन आत्माके एकत्वपर ध्यान लड़ानेका