पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५०६

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एसिया ४६५ कोई फल न पाया। अशोकके समय मौर्य साम्राज्य : सामना सफलतापूर्वक किया और भारतसे सिरीयातक अफगानस्तानसे मन्द्राज तक विस्तृत था। ५० ई० अपना प्रभाव फैला दिया। किन्तु ससानीयोंने उन्हें कनिष्कने भारत आक्रमण कर उत्तर भारत और नीचा देखाया और ४ शताब्दतक राज्य चलाया था। कश्मीर में राज्य जमाया। गुप्त साम्राज्य के। उन्होंने जरथस्त्रीय धर्म प्रतिपालन और पर्व ५म शताब्द उत्तरीय प्रतिवासियोंके आक्रमणसे भड़ साम्राज्यसे युद्ध सम्पादन किया। ई०के ७वे शताब्द हुआ था। ६.६ से ६४६ ई०तक उत्तरभारतमें हर्षका हेरेक्लियसने उन्हें हराया था। फिर कुछ दिन पोछे राज्य रहा। कब्रोज नगर उनको राजधानी था। ७१२ हो मुसलमानोंने उनको विनाश किया और ईरानमें ई के समय अरबियोंने सिन्धु विजय किया। फिर इसलाम धर्म चला दिया। अब्बास शाहके समय ई०का ११२ शताब्द समाप्त हति समग्र उत्तर-भारत (१५८५-१६२८ ई०) ईरानमें एकता और समृद्धि बढ़ी मुसलमानोंके अधीन हुआ था। मुसलमानी राजधानि थी। किन्तु अफगानोंका आक्रमण होनेसे फिर विश्- योंके निकट इसलाम धर्म खूब चला, किन्तु राज इला पड़ी। १७८९ ई०से तुर्कोमन वंशका राज्य हुप्रा। पूताने और मन्द्राजमें हिन्दू धर्म जैसेका तैसा बना यइदी अरबियोंसे मिलते जुलते हैं। वह एक रहा। १५२६ ई.को मुग़लोंने दिल्लीका सिंहासन जगह न बस इधर-उधर घूमते फिरते थे। फिर मिसर- छीन लिया। अकबर और शाहजहां बादशाह बड़े के किनारे यहूदी जा कर कुछ दिन ठहरे। ई०से नामी हो गये हैं। १७०७ ई०को मुगल साम्राज्यको १३०० वर्ष पूर्व वह मिसरसे उत्तरको मा अवनति हुई। मध्य भारतमें मराठोंका प्रभाव बढ़ा मानके अधीन उन्होंने एक छोटा राज्य स्थापित किया, था। फिर धीरे-धीरे अंगरेजी राज्य स्थापित हुआ। किन्तु असिरीया और बाबिलनके आक्रमणोंने उसे भारतका प्राचीन इतिहास बहुत कम मिलते भी टिकने न दिया। ई०से ७२० वर्ष पूर्व शालमनेजरने इसमें कोई सन्देह नहीं, कि भारतीय धर्म, साहित्य उत्तर राज्य मिटाया और यइदियोंको वहांसे मार . और शिल्पने ईरानसे जापान तक समग्र एसिया भगाया। फिर यइदियोंका कहीं पता लगा न था। खण्डपर अपना प्रभाव डाला है। भारतवर्ष देखो। ई०से ५८८ वर्ष पूर्व नेबूकदनेजर यइदियोंको बन्दी - ईरानियांकी भाषा और धर्मप्रवृत्ति वैदिक आर्या से बना ले गये। किन्तु ई०से ५३८ वर्ष पूर्व ईरानके मिलती जुलती है। ई०से बहु शताब्द पहले जर बाबिलोनिया जीतनेपर उन्हें पलेस्ताइनलौटनेको पाना थस्त्रने ईरानो धर्मको सुधारा था। उसी समय ईरान मिली। बाबिलोनिया बहुत दिनतक यइदियोंका (पारस्य ) असिरीयाकी अधीनतासे भी छूट गया। केन्द्रस्थल रहा। ७० ई०को टोटसने जेरूसलमका ई०६ष्ठ शताब्दसे ईरानी अपने आसपासके राज्य जीत मन्दिर तोड़ा था। धीरे धीरे यहूदी सिरीया, एसिया- एक साम्राज्य बनाने लगे। बाबिलोनौयोंसे सन्धिकर माइनर, ग्रीस और इटलीमें बस गये। फिर उनका उन्होंने निवेहको विनाश किया था। ५० वर्ष पीछे प्रसार समग्र युरोपमें हुआ। ई०के १५ वें शताब्द काइरसने बाबिलन ले लिया। उनके वंशज २०० वर्ष स्पेनसे निकाले जानेपर यहदी पूर्वको पोर बढ़े। तक राज्य करते रहे। उक्त साम्राज्य पूर्व प्रोक्सस पाजकल पूर्व युरोपमें सबसे अधिक यहूदी देख पड़ते एवं सिन्धुसे पश्चिम थेस और दक्षिण मिसरतक विस्त त हैं। एसियावासियोंके साथ अधिक मेलजोल होते भी था। ई०से ३२८ वर्ष पूर्व सिकन्दरने श्य दारयूसको यहूदी युरोपीयोंके साथ रहना पसन्द करते हैं। जीता। सलूकी नामक ग्रीक राजवंशने पारस्य । इसलामके अभ्युदयसे पहले अरबियोंका कोई शासन किया। बकटिया स्वतन्त्र हुआ था। ईसे इतिहास नहीं मिलता। उनमें ईरानी, ईसाई और २५० वर्ष पूर्व खुरासानमें असकेसियोंके अधीन पार- यहूदी सभ्यता पा गई है। मुसलमानोंका अभ्युदय थीय सामान्य चल पड़ा। पारथीयोंने रोमकोंका होनेसे अरबो भी चढ़े बढ़े। उन्होंने पूर्वमें भारत एवं Vol. III 127