पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५२६

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ओखामण्डल-गोधरथ ' ५२५ अंगरेजी फौजके चढ़नेका खर्च डाल दिया। १८१८ १८५८ ई के दिसम्बर मास करनल होनरने कितने ई०को पत्रमल मानकके अधीन कुछ राजा बिगड़े हौ फौजके साथ पाक्रमण मार उन्हें वहांसे भी थे। किन्तु स्थानीय सेनाने उन्हें शीघ्र ही दबा। निकाल बाहर किया। कुछ वाघेर राजावोंने गिर दिया। १८१८ ई०को वाधेरोंने विद्रोह उठा मिष्टर पहाड़ की राह ली थी। बाको अपने हथियार रख हेण्डलीको पोरबन्दर भगाया था। १८२० ई०को। ओखामण्डल लौटनेको सम्मत हुये। उधर जोधा बम्बई सरकारने करनल ष्टानहोपको लड़ने भेजा। मानकके मर जानेसे गिर पहाडके वाघेर भी पकडे उन्होंने अकस्मात् हारका अधिकार कर राजावोंको गये। १८६२ ई०को कैद किये वाघेर निकल भगे नीचा देखाया था। इस युहमें कपतान मोरियट मारे और पोखामण्डल पहुंच उपद्रव उठाने लगे। काठिया- गये। द्वारका-नरेश मूलमानक और उनके छोटे | वाड़ में कई वर्ष लूट मार होते रहो। १८६७ ई०को भाई वरसो मानक भी धराशायी हुये। राणा संग्राम- मेजर रेनोलडमने उन्हें परास्त किया था। हमें जो पकड़ कर सूरत भेजे गये। किन्तु कच्छके रावने मेजर रेनोलडम आहत और पोलिटिकल एजण्टके जमानत दे उन्हें छोड़ा लिया था। फिर शान्ति सहकारी कपतान हैबर्ट एवं लाटश इत हुये। इसपर स्थापित दुई। १८५७ ई०को वाधेरोंने काठियावाड | वाधेर शान्त पड़े और फिर कभी जोरसे न लड़े। पर आक्रमण मारा था। लेफटिनण्ट बरटनने हारका भोग (हिं.पु.) कर, महसूल, लगान। जा इस उपद्रवका कारण पूछा। वह वाघेरोंसे अच्छा प्रोगण (सं० त्रि.) अवगस्थते, पव-गण कर्मणि क चाल-चलन रखनेको जमानत ले बड़ोदे लौट आये। सम्प्रसारणच्च। अवगण्य, नफरत किया हुआ। दूसरे वर्ष वसाईके वाधेर राजावीने खुले मैदान | प्रोगर-एकप्रकार सगासौ। यह अपनेको अउघड़ बलवा कर बैयत होप और उनके साथी सिबन्दियोंने | योगी भी कहते हैं। हाथमें रस्सीसे लिपटी हुई छड़ी दुर्गको अधिकार किया था। मांडवीसे कपतान रहती है। अगर यज्ञोपवीत नहीं पहनते। मरनेपर बैले कुछ सेना ले वेयतमें जा उतरे और देह जलाना मना है। शवका देह समाधिस्थ किया झपट पड़े, किन्तु दुर्ग सुदृढ़ रहनेसे कुछ कर न जाता है। सिन्धुप्रदेशमें दो-एक प्रोगर योगी देख सके। रातको वाधेर स्वयं दुर्ग छोड़ वसाई भाग पड़ते हैं। गये। फिर बडोदेके मन्त्रियोंने सरकार अंगरेजसे प्रोगरना (हिं. क्रि.) अवगरण । अलग रहनेको कह वसाई आक्रमण किया था। पसौजना, पनियाना। वसाईको किलेबन्दी मज़बूत रहनेसे कई वार युह भोगल ( हिं• पु० ) १. अषर, पड़ती जमौन् । दुपा। अन्तको बड़ोदेके गायकवाड़ने वाधेरोंसे सन्धि- २ कूपविशेष, एक कुवां। कर झगड़ा मिटाया। दूसरे वर्ष फिर उपद्रव उठा था। प्रोगौयस् (स० वि०) उग्र, अत्यन्त तेजस्वी। गायकवाड़ने लड़ने-भिड़नेका सब काम अंगरेजोंको ओघ (सं० पु० ) उच-घञ् पृषोदरादित्वात् साधुः । सौंप दिया। वाघेरोंने आक्रमण मार हारका और १ समूह, ढेर। २ नदीवेग, पानीका बहाव, बाढ़। बयत होप अधिकार किया था। जोधा मानक प्रोखा- ३ परम्परा, पुरानो चाल। ४ उपदेश, नसीहत । मण्डलके राजा बने। फिर करनल डोनोवन कुछ ५ द्रुतनृत्य, फुर्तीला नाच। ६ नदी, दरया। -- सेना ले बेयत पहुंचे थे! युधमें न हारते भी वाधेर भोघदेव (स० पु० ) प्राचीन शिलालिपि-वर्णित किला छोड हारका भाग गये। कपतान डोनोवनने उच्छकल्पके एक महाराज। इनकी पत्नी कुमारदेवी थीं। शीघ्र ही हारकाको जा आक्रमण किया और वाधेरोंको (Inscriptionum Indicarum, Vol III. p. 119.) जंगलमें खदेर दिया। पन्तको उन्होंने प्रोखामण्डल श्रोघरथ (स• पु०) एक राजा ! यइ ओघवान् छोड़ अभयपुर-पहाड़में खाई खोद डेरा डाला था। नृपतिके पुत्र और ओघवतीके भ्राता थे। Vol. III 132 । अवगरण होना, चना,