पृष्ठ:हिंदी व्याकरण.pdf/१५७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(१३६)


( ४ ) “बहुत" "थोड़ा" का उलटा है। "जैसे मुसलमान थे बहुत और हिंदू थे थोडे ।" ( सर० )।

( अ )"बहुत" के साथ "से" और “सारे" जोड़ने से कुछ अधिक संख्या का बोध होता है; जैसे, “बहुतसे लोग ऐसा समझते हैं ।" “बहुत-सारे लड़के ।" यह पिछला प्रयोग प्रांतीय है।

(आ) “बहुत" के साथ "कुछ" भी आता है । “बहुत कुछ" का अर्थ प्रायः “बहुतसे" के समान है, जैसे, “बहुत कुछ आदमी आये थे ।"

(इ) “अनेक" (अन् + एक) “एक" का उलटा है। इसका प्रयोग कम अनिश्चित संख्या के लिए होता है। "अनेक" और "कई" प्रायः समानार्थी हैं । उदा०-"अनेक जन्म”, “कई रंग", इत्यादि । “अनेक" में विचित्रता के अर्थ में वहुधा "ओं" जोड़ देते हैं; जैसे, “अनेकों रोग", “अनेकों" मनुष्य, इत्यादि ।

(ई) “कई" के साथ बहुधा "एक" आता है। "कई एक" का अर्थ प्रायः "कई प्रकार का" है और उसका पर्यायवाची “नाना" है; जैसे, "कई एक ब्राह्मण”, “नाना वृक्ष", इत्यादि ।

(५) “अधिक" और "ज्यादा" तुलना में आते हैं; जैसे,"अधिक रुपया”, “ज्यादा दिन'", इत्यादि ।

(६) “कम" "ज्यादा" का उलटा है और इसीके समान तुलना में आता है; जैसे, “हम यह कपड़ी कम दामो में बेचते हैं।"

(७) “कुछ" अनिश्चय-वाचक सर्वनाम होने के सिवा (अं-- १३३, १५१-उ) संख्या का भी द्योतक है । यह “बहुत" का उलटा है; जैसे, “कुछ लोग", "कुछ फल”, “कुछ तारे", इत्यादि ।

(८) “आदि" का अर्थ "और ऐसे ही दूसरे" है। इसका प्रयोग संज्ञा और विशेषण दोनों के समान होता है; जैसे, “आप