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(इ) अनिश्चय—कदाचित् (शायद), बहुत करके, यथा-संभव।
(ई) स्वीकार—हाँ, जी, ठीक, सच।
(उ) कारण—इसलिए, क्यों, काहे को।
(ऊ) निषेध—न, नहीं, मत।
(ऋ) अवधारण—तो, ही, मात्र, भर, तक, सा।

२२५—यौगिक क्रियाविशेषण दूसरे शब्दों मे नीचे लिखे शब्द अथवा प्रत्यय जोड़ने से बनते हैं—

(१) संस्कृत क्रियाविशेषण।

पूर्वक—ध्यान-पूर्वक, प्रेम-पूर्वक, इत्यादि।

वश—विधि-वश, भय-वश।

इन (आ)—सुखेन, येन-केन-प्रकारेण, मनसा-वाचा-कर्मणा।

या—कृपया, विशेषतया।

अनुसार—रीत्यनुसार, शक्त्यनुसार।

तः—स्वभावतः, वस्तुतः, स्वतः।

दा—सर्वदा, सदा, यदा, कदा।

धा—बहुधा, शतधा, नवधा।

शः—क्रमशः, अक्षरशः।

त्र—एकत्र, सर्वत्र, अन्यत्र।

था—सर्वथा, अन्यथा।

वत्—पूर्ववत्, तद्वत्।0

चित्—कदाचित्, किंचित्, क्वचित्।

मात्र—पल-मात्र, नाम-मात्र, लेश-मात्र।

(२) हिंदी क्रियाविशेषण।

ता, ते—दौड़ता, करता, बोलता, चलते, आते, मारते।

आ, ए—बैठा, भागा, लिए, उठाए, बैठे, चढ़े।