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तीसरा परिच्छेद—व्युत्पत्ति। | ||||
पहला अध्याय—विषयारंभ | … | … | … | ३७४ |
दूसरा „—उपसर्ग | … | … | … | ३७८ |
तीसरा „—संस्कृत-प्रत्यय | … | … | … | ३८६ |
चौथा „—हिंदी-प्रत्यय | … | … | … | ४०५ |
पाँचवाँ „—उर्दू-प्रत्यय | … | … | … | ४२८ |
छठा „—समास | … | … | … | ४४२ |
सातवाँ „—पुनरुक्त शब्द | … | … | … | ४६९ |
तीसरा भाग। | ||||
वाक्य-विन्यास। | ||||
पहला परिच्छेद—वाक्य-रचना। | ||||
पहला अध्याय—प्रस्तावना | … | … | … | ४७८ |
दूसरा „—कारकों के अर्थ और प्रयोग | … | … | … | ४८२ |
तीसरा „—समानाधिकरण शब्द | … | … | … | ५०५ |
चौथा „—उद्देश्य, कर्म और क्रिया का अन्वय | … | … | … | ५०८ |
पाँचवाँ „—सर्वनाम | … | … | … | ५१६ |
छठा „—विशेषण और संबंध कारक | … | … | … | ५२० |
सातवाँ „—कालों के अर्थ और प्रयोग | … | … | … | ५२४ |
आठवाँ „—क्रियार्थक संज्ञा | … | … | … | ५३८ |
नवाँ „—कृदंत | … | … | … | ५४१ |
दसवाँ „—संयुक्त क्रियाएँ | … | … | … | ५५० |
ग्यारहवाँ „—अव्यय | … | … | … | ५५३ |
बारहवाँ „—अध्याहार | … | … | … | ५५६ |
तेरहवाँ „—पदक्रम | … | … | … | ५६१ |
चौदहवाँ „—पद-परिचय | … | … | … | ५६६ |