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कई एक संस्कृत से आये हैं। इनमें से बहुतसे शब्द हिंदी के संबंधसूचकों के पर्यायवाची हैं। कितने एक संस्कृत संबंधसूचकों का प्रचार हिंदी के गद्य-काल से प्रारंभ हुआ है। तीनों भाषाओं के कई एक पर्यायवाची संबंधसूचकों के उदाहरण नीचे दिये जाते हैं—
हिंदी | उर्दू | संस्कृत |
---|---|---|
सामने | रूबरू | समक्ष, सम्मुख |
पास | नज़दीक | निकट, समीप |
मारे | सबब, बदौलत | कारण |
पीछे | बाद | पश्चात्, अनंतर, उपरांत |
तक | ता (क्वचित्) | पर्यंत |
से | बनिस्बत | अपेक्षा |
नाईं | तरह | भाँति |
उलटा | खिलाफ़ | विरुद्ध, विपरीत |
लिए | वास्ते, खातिर | निमित्त, हेतु |
से | ज़रिये | द्वारा |
मद्धे | बाबत, निस्बत | विषय |
x | बग़ैर | बिना |
पलटे | बदले, एवज़ | x |
x | सिवा, अलावा | अतिरिक्त |
२४१—नीचे कुछ संबंधसूचक अव्ययों के अर्थ और प्रयोग लिखे जाते हैं—
आगे, पीछे, भीतर, भर, तक और इनके पर्यायवाची शब्द अर्थ के अनुसार कभी कालवाचक और कभी स्थानवाचक होते हैं; जैसे, घर के आगे, विवाह के आगे, दिन भर, गाँव भर, इत्यादि। (अं॰-२२७)।
आगे, पीछे, पहले, परे, ऊपर, नीचे और इनमें से