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[टी०—समुच्चय-बोधक का लक्षण भिन्न भिन्न व्याकरणों में भिन्न भिन्न प्रकार का पाया जाता है। यहाँ हम केवल "हिं० बा० बो० व्याकरण" में दिये गये लक्षण पर विचार करते है। वह लक्षण यह है—"जो शब्द दो पदों, वाक्यों वा वाक्यों के अशो के मध्य में आकर प्रत्येक पद वा वाक्यांश के भिन्न भिन्न क्रिया-सहित अन्वय का संयेाग या विभाग करते हैं उनको समुच्चय-बोधक अव्यय कहते हैं; जैसे—राम और लक्ष्मण आये।" इस लक्षण में सबसे पहली दोष यह है कि इसकी भाषा स्पष्ट नहीं है। इसमें शब्दों की येाजना से यह नहीं जान पड़ता कि "भिन्न भिन्न" शब्द "क्रिया" का विशेषण है अथवा "अन्वय" का। फिर समुच्चय-बोधक सदैव दो वाक्यों के मध्य ही में नहीं आता, बरन कभी कभी प्रत्येक जुड़े हुए वाक्य के आदि में भी आता है; जैसे, यदि सूर्य्य न हो तो कुछ भी न हो।" इसके सिवा पद वा वाक्यांशों के सभी समुच्चय-बोधक नहीं जोडते। इस तरह से इस लक्षण में अस्पष्टता, अव्याप्ति और शब्द-जाल का दोष पाया जाता है। लेखक ने यह लक्षण "भाषा-भास्कर" से जैसा का तैसा लेकर उसमें इधर उधर कुछ शाब्दिक परिवर्तन कर दिया है, परंतु मूल के दोष जैसे के तैसे बने रहे। "भाषा-प्रभाकर" में भी "भाषा-भास्कर" ही का लक्षण दिया गया है; और उसमें भी प्रायः येही दोष है।

हमारे किये हुए समुच्चय-बोधक के लक्षण में जो वाक्यांश—"क्रिया की विशेषता न बतलाकर"—आया है उसका कारण यह है कि वाक्यों को जिस प्रकार समुच्चय-बोधक जोड़ते हैं उसी प्रकार उन्हें दूसरे शब्द भी जोड़ते हैं। संबंध-वाचक श्रौर नित्य-संबंधी सर्वनाम के द्वारा भी दे वाक्य जोड़े जाते है; जैसे, "जो गरजते है वह बरसते नहीं।" (कहा०।) इस उदाहरण में "जो" और "वह" दे वाक्यों का संबंध मिलाते हैं। इसी तरह "जैसा-तैसा" और "जितना-उतना" संबध-वाचक विशेषण तथा "जब-तब", "जहाँ-तहाँ", "जैसे-तैसे", आदि संबध-वाचक क्रिया-विशेषण भी एक वाक्य का संबंध दूसरे वाक्य से मिलाते हैं। इस पुस्तक में दिये हुए समुच्चय-बोधक के लक्षण से इन तीनों प्रकार के शब्दों का निराकरण होती है। संबध-वाचक सर्वनाम और विशेषण के समुच्चय-बोधक इसलिए नहीं कहते कि वे अव्यय नहीं हैं; और संबध-वाचक क्रिया-विशेषण को समुच्चय-बोधक न मानने का कारण यह है कि उसका मुख्य धर्म क्रिया की विशेषता बताना है। इन तीनों प्रकार के शब्दों पर समुच्चय-बोधक की अतिव्याप्ति बचाने के लिए ही उक्त लक्षण में "अव्यय" शब्द और "क्रिया की विशेषता न बतलाकर" वाक्यांश लाया गया है।]