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कभी कभी कारण के अर्थ में परिणाम-बोधक "इसलिए" आता है और तब उसके साथ बहुधा "कि" रहता है; जैसे,

"दुष्य त—क्यों माढव्य, तुम लाठी से क्यों बुरा कहा चाहते हो?

माढव्य—इसलिये कि मेरा अंग ते टेढ़ा है, और यह सीधी बनी है।" (शकु०)।

कभी कभी पूर्व वाक्य में "इसलिए" क्रियाविशेषण के समान आता है और उत्तर वाक्य "कि" समुच्चय-बोधक से आरंभ होता है, जैसे, "कोई बात केवल इसीलिए मान्य नहीं है कि वह बहुत काल से मानी जाती है।" (सर०)। "(मैंने) इसलिये रोका था कि इस यत्र में बड़ी शक्ति है।" (शकु०)। "कुआँ, इसलिए कि वह पत्थरों से बना हुआ था, अपनी जगह पर शिखर की नाई खड़ा रहा। (भाषासार०)।

जोकि—यह उटू चूँकि के बदले कानूनी भाषा मे कारण सूचित करने के लिए आती है; जैसे, "जोकि यह अमर कृरीन मस्लहत है...इसलिए नीचे लिखे मुताबिक़ हुक्म होता है।"(एक्ट०)।

इस उदाहरण में पूर्व वाक्य आश्रित है, क्योंकि उसके साथ कारणवाचक समुच्चय-बोधक आया है। दूसरे स्थानों में पूर्ववाक्य के साथ बहुधा कारवाचक अव्यय नहीं आता, और वहॉ वह वाक्य मुख्य समझा जाता है। वैयाकरणो का मत है कि पहले कारण और पीछे परिणाम कहने से कारणवाचक वाक्य आश्रित और परिणामबोधक वाक्य स्वनत्र रहता है।

(अ) उद्देशवाचक—कि, जो, ताकि, इसलिए कि।

न अव्ययो के पश्चात् आनेवाला वाक्य दूसरे वाक्य का उद्देश वा हेतु सूचित करता है।, उद्देशवाचक वाक्य वहुधा दूसरे (मुख्य) वाक्य के पश्चात् आता है, पर कभी कभी वह उसके पूर्व भी आता