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"ये दोनों बातें एक दूसरे से मिली हुई मालूम होती हैं।"

( स्वा॰)। यह कर्त्ता-कारक में कभी प्रयुक्त नहीं होता।

[सं०—कोई कोई लेखक "एक दूसरा" के विशेष्य के लिंग के अनुसार बदलते हैं, जैसे, "लडकियाँ एक दूसरी को चाहती हैं।"]

विशेषणों की तुलना।

३४४—हिंदी में विशेषणों की तुलना करने के लिए उनमे कोई विकार नहीं होता। यह अर्थ नीचे लिखे नियमोँ के द्वारा सूचित किया जाता है—

(अ) दो वस्तुओं में किसी भी गुण का न्यूनाधिक-भाव सूचित करने के लिए जिस वस्तु के साथ तुलना करते हैं उसका नाम (उपमान) अपादान-कारक में लाया जाता है और जिस वस्तु की तुलना करते हैं उसका नाम (उपमेय) गुणवाचक विशेषण के साथ आता है, जैसे, "मारनेवाले से पालनेवाला बड़ा होता है।" (कहा॰)। "कारण ते कारज कठिन होइ।" (राम॰)। "अपने को औरों से अच्छा और औरों को अपनेसे बुरा दिखलाने को।" (गुटका॰)।
(आ) अपादान कारक के बदले बहुधा सज्ञा के साथ "अपेक्षा" वो "बनिस्बत" का उपयोग किया जाता है और विशेषण (अथवा सज्ञा के संबंधकारक) के साथ अर्थ के अनुसार "अधिक" वा "कम" शब्दों का प्रयोग होता है, जैसे, "वेलपति-कन्या राजकन्या से भी अधिक सुंदरी, सुशीला और सच्चरित्रा है। (सर॰) "मेरा जमाना बंगालियों के बनिस्बत तुम फिरंगियो के लिए ज्यादा मुसीबत का था।" (शिव॰)। "हिंदुस्थान में इस समय और देशो की अपेक्षा सच्चे सावधान बहुत कम हैं।"

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