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(परी॰)। "लड़के की अपेक्षा लड़की कम प्यारी नहीं होती।"

(इ) अधिकता के अर्थ में कभी कभी "बढ़कर" पूर्वकालिक कृदंत अथवा "कहीं" क्रियाविशेषण आता है। जैसे, "मुझसे बढ़कर और कौन पुण्यात्मा है?" (गुटका॰)। "चित्र से बढ़कर चितेरे की बड़ाई कीजिए।" (क॰ क॰)। "पर मुझसे वह कहीं सुखी हैं।" (हि॰ ग्रं)।"मनुष्यों में अन्य प्राणियों से कहीं अधिक उपज्ञाएँ होती हैं। (हित॰)।
(ई) संख्यावाचक विशेषणों के साथ न्यूनता के अर्थ में "कुछ कम" वाक्यांश आता है जिसको प्रयोग क्रिया-विशेषण के समान होता है; जैसे कुछ कम दस हज़ार वर्ष बीत गये।" (रघु॰)। "कुछ" के बदले अर्थ के अनुसार निश्चित संख्यावाचक विशेषण भी आता है, जैसे, "एक कम सौ यज्ञ" (तथा)।
(उ) सर्वोत्तमता सचित करने के लिए विशेषण के पहले "सबसे" लगाते हैं और उपमान को अधिकरण कारक में रखते हैं, जैसे, "सबसे बड़ी हानि।" (सर॰)। "है विश्व में सबसे वली सर्वान्तकारी काल ही।" (भारत॰)। "धनुर्धारी योद्धाओं में इसीका नम्बर सबसे ऊँचा है।" (रघु॰)।
(ऊ) सर्वोत्तमता दिखाने की एक और रीति यह है कि कभी कभी विशेषण की द्विरुक्ति करते हैं अथवा द्विरुक्त विशेषणों में से पहले को अपादान-कारक में रखते हैं; जैसे, "इसके कंधों से बड़े-बड़े मोतियो का हार लटक रहा है।" (रघु॰)। "इस नगर में जो अच्छे से अच्छे पंडित हों।" (गुटका॰)।