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( गुणवाचक )---

शिव—शैव विष्णु—वैष्णव चंद्र—चांद्र (मास, वर्ष)
मनु—मानव पृथिवी—पार्थिव व्याकरण—वैयाकरण

लिग

(जाननेवाला) निशा—नैश सूर—सौर

(भाववाचक)‐

इस अर्थ में यह प्रत्यय बहुधा अकारात, इकारांत और उकारांत शब्दों में लगता है।

कुशल—कौशल पुरुष—पौरुष मुनि—मौन
शुचि—शौच लघु—लाघव गुरु—गौरव

युवन्—यौवन

अंक (उसको जाननेवाला)—

मीमांसा—मीमांसक, शिक्षा-शिक्षक।

आमह (उसका पिता)—

पितृ—पितामह, मातृ—मातामह।

(उसका पुत्र)—

दशरथ—दाशरथि (राम), मरुतु—मारुति (हनुमान्)।

इक (उसके जाननेवाला)—

तर्क—तार्किक, अलंकार—आलंकारिक, न्याय—नैयायिक,
वेद—वैदिक।

(गुणवाचक)—

वर्ष—वार्षिक मास—मासिक
दिन—दैनिक लोक—लौकिक
इतिहास—ऐतिहासिक धर्म—धार्मिक
सेना—सैनिक नौ—नाविक
मनस—मानसिक पुराण—पौराणिक