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त्र (स्थानवाचक)—

यद्-यत्र, तद्-तत्र, सर्वत्र, अन्यत्र, एकत्र ।

ता (भाववाचक)—

गुरु—गुरुता लघु—लघुता कवि—कविता
मधुर—मधुरता सम—समता आवश्यक—आवश्यकता
नवीन—नवीनता विशेष—विशेषता।

(समूहवाचक)—

जन—जनता, ग्राम—ग्रामता, बंधु—बंधुता, सहाय—सहायता।

"सहायता" शब्द हिंदी में केवल भाववाचक है।

त्व (भाववाचक)—

गुरुत्व ब्राह्मणत्व
पुरुषत्व सतीत्व
राजत्व बन्धुत्व

था (रीतिवाचक)

तद्—तथा यद्—यथा
सर्वथा अन्यथा
वृथा

दा (कालवाचक)—

सर्व—सर्वदा, यद्—यदा, किम्—कदा, सदा।

धा (प्रकारवाचक)—

द्वि—द्विधा, शत—शतधा, बहुधा।

धेय (गुणवाचक)—

नाम—नामधेय, भाग—भाराधेय।

(गुणवाचक)—

सध्य—संध्यम, आदि—आदिम, अधस—अधम, द्रु (शाखा)—द्रुम।