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लु (गुणवाचक)—

श्रद्धालु, दयालु, कृपालु, निद्रालु।

(गुणवाचक)—

केश—केशव (सुन्दर केशवाला, विष्णु), विषु (समान)— विषुव (दिन-रात समान होने का काल वा वृत्त), राजी (रेखा)— राजीव (रेखा में बढ़नेवाला, कमल), अर्णस् (पानी)—अर्णव (समुद्र)।

वत् (गुणवाचक)—

यह प्रत्यय अकारांत वा आकारांत संज्ञाओं के पश्चात् आता है।

धनवान्, विद्यावान्, ज्ञानवान्, गुणवान्, रूपवान्, भाग्यवती (स्त्री॰)।

(अ) किसी-किसी सर्वनामो में इस प्रत्यय के लगाने से अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण बनते हैं।
यद्—यावत्, तद्—तावत्।
(आ) यह प्रत्यय "तुल्य" के अर्थ में भी आता है और इससे क्रिया-विशेषण बनते हैं।

मातृवत्, पितृवत्, पुत्रवत्, आत्मवत्।

वल (गुणवाचक)—

कृषीवल, रजस्वला (स्त्री॰), शिखावल (मयूर), दंतावल (हाथी) ऊर्जस्वल (बलवान्)।

विन् (गुणवाचक)—

तपस—तपस्वी यशस—यशस्वी तेजस्—तेजस्वी
माया—मायावी मेधा—मेधावी पयस्—पयस्विनी

(स्त्री॰, दुधार गाय)

व्य (संबंधवाचक)—

पितृव्य (काका) भ्रातृव्य (भतीजा)।