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  • कार—चर्मकार, कर्मकार, ग्रंथकार, भाष्यकार, नाटककार, इत्यादि।
  • कालीन—समकालीन, पुर्वकालीन, जन्मकालीन।
  • (गम् धातु का अंश = जानेवाला)—

उरग, तुरग (तुरग), विहग (विहंग), दुर्ग, खग, अग, नग।

गत—गतवैभव, गतायु, गतश्री, मनोगत, दृष्टिगत, कंठगत, व्यक्तिगत।

  • गम—तुरंगम, विहंगम, दुर्गम, सुगम, अगम, संगम,

हृदयंगम।

गम्य—बुद्धिगम्य, विचारगम्य।

ग्रस्त—वादग्रस्त, चिंताग्रस्त, च्याधिग्रस्त, भयग्रस्त।

घात—विश्वासघात, प्राणघात, अशाघात।

* घ्न—(हन् धातु का अंश = मार डालनेवाला)— कृतघ्न, पापघ्न, शत्रुघ्न, मातृघ्न, वातघ्न।

  • चर—जलचर, निशाचर, खेचर, अनुचर।

चिंतक—शुभचिंतक, हितचिंतक, लाभचिंत। जन्य-क्रोध-जन्य, अज्ञान-जन्य, स्पर्श-जन्य, प्रेम-जन्य।

  • (जन् धातु का अंश = उत्पन्न होनेवाला)—

अडज, पिंडज, स्वेदज, जलज, वारिज, अनुज, पूर्वज, पित्तज, जारज, द्विज।

जाल—शब्दजाल, कर्मजाल, जगजल, मायाजाल, प्रेमजाल।

  • जीव—श्रमजीवी, धनजीवी, कष्टजोवी, क्षणजीवी।
  • दर्शी-दुरदर्शी, कालदर्शी, सूक्ष्मदर्शी।
  • (दा धातु का अंश =देनेवाला)—

सुखद, जलद, धनद, वारिद, मोक्षद, नर्मदा (स्त्री॰)।