यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(४२५)
जा--भाई अथवा बहिन का बेटा; जैसे, भतीजा, भानजा।
(क्रमवाचक) दूजा, तीजा।
जी—आदरार्थ, जैसे, गुरुजी, पंडितजी, बाबूजी।
टा, टी—(ऊनवाचक)—
रोआँ—रोंगटी | काला—कलूटा |
चोर—चोट्टा | बहू—बहूटी |
ठो—सख्यावाचक शब्दों के साथ अनिश्चय में; जैसे, दो-ठो, चारठो, इत्यादि।
डा, डी—(ऊनवाचक)—
चाम—चमड़ा | बच्छा—बछड़ा |
दुख—दुखड़ा | मुख—मुखड़ा |
टूक—टुकड़ा | लँग—लँगडा |
टाँग—टँगड़ी | पलँग—पलँगड़ी |
पॅख—पँखडी | लाल—लालडी |
आँत–अँतडी।
(स्थानवाचक)—आगा—अगाडी, पीछा—पिछाड़ी।
त—(भाववाचक)—चाह—चाहत, रंग—रगत, मेल—मिल्लत, इत्यादि।
ता—(विविध)—पॉयता, रायता (राई से बना)।
ती—(भाववाचक)—कम-कमती। यह प्रत्यय यहाँ फारसी;शब्द में लगा है और इस यौगिक शब्द का उपयोग कभी-कभी विशेषण के समान भी होता है।
तना-यह, वह, जो और कौन के परे परिमाण के अर्थ में; जैसे, इतना, उतना, जितना, कितना।
था-चार स्वैर छः से परे सख्या-क्रम के अर्थ में; जैसे, चौथा; छः से छठा।