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नी—(विविध अर्थ मे)—चाँद—चाँदनी, पॉव—पैंजनी, नथ—नथनी।

पन—(भाववाचक)—

काला—कालापन लड़का—लड़कपन
बाल—बालपन पागल—पागलपन

गँवार—रॉवारपन

पा—(भाववाचक)–बूढ़ा-बुढ़ापा, रॉड़—रँड़ापा, वहिन—बहिनापा, मोटा—मोटापा।

—यह, वह, जो पैर कौन के परे काल के अर्थ मे; जैसे, अब, तब, जब, कब।

भगवान—आदर अथवा विनोद मे; जैसे, वेद—भगवान, बंदर—भगवान (विचित्र॰)।

राम—कुछ शब्दों में आदर के लिये और कुछ मे निरादर अथवा विनोद के लिये जोड़ा जाता है; जैसे, माताराम, पिताराम, दूतराम, मेढकराम, गीदड़रास, इत्यादि ।

री—(ऊनवाचक)—कोठा—कोठरी, छत्ता—छतरी, बाँस—बाँसुरी, मोट—मोटरी।

ला—(गुणवाचक)—

आगे—अगला पीछे—पिछला
माँझ—मँझला धुंध—धुँधली
लाड़—लाड़ला बाव—बावला

ली—(ऊनवाचक)—टीका—टिकली, सुप—सुपली, खाज—खुजली, घटा—घंटाली, डफ—डफली।

—(विविध)—घाव—घायल, पाँव—पायल।

योँ—यह, वह, जेा और कौन के परे प्रकार के अर्थ मे; जैसे, याें, त्याें, ज्यों, क्यों।