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(४३३)
ई—
ईरानी, खूनी, देहाती, खाकी, आसमानी।
ईन— | ||
रंगीन | शौकिन | |
नमकीन | संग (पत्थर)—संगीन (भारी) | |
पोस्त (चमड़ा)—पोस्तीन | ||
मंद— | ||
अक्लमंद | दौलतमंद | |
दानिश (ज्ञान)—दानिशमंद |
वार—उम्मीदवार (हि॰—उम्मेदवार), माहवार, तफ़सीलवार, तारीखवार।
वर— | ||
जानवर | नामवर | |
ताकतवर | हिम्मतवर | |
ईना— | ||
कम—कमीना | माह (चंद्रमा)—महीना | |
पश्म—पश्मीना (कपड़ा) |
ज़ादह (उत्पन्न हुआ)—शाहज़ादा, हरामज़ादा।
४३८—संज्ञाओं में कुछ कृदंत जोड़ने से दूसरी सज्ञाएँ और विशेषण बनते हैं। ये यथार्थ में समान हैं; पर सुभीते के कारण यहाँ लिखे जाते हैं।
अंदाज़ (फेंकनेवाला)—
बर्क (बिजली)—बर्केदाज़ (सिपाही), तीर—तीरंदाज, गोला (हिं॰)—गोलंदाज़, दस्तंदाज़।
आवेज़ (लटकानेवाला)—दस्तावेज (हाथ का काग़ज़ जिससे सहारा मिलता है)।
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