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से सब प्रकार के वजन बनाते हैं। जब कभी चार या पाँच मूलाक्षरों का काम पड़ता है तब ल के दो वा तीन बार काम में लाते हैं।

४४० (क)—त्रिवर्ण धातु के मूल रूप से कई एक क्रियार्थक संज्ञाएँ बनती हैं। इनमें से जो हिंदी में प्रचलित हैं उनके वजन और उदाहरण नीचे दिये जाते हैं—

नं॰ वजन उदाहरण
फ़अ‍्ल कत्ल=मार डालना
फ़िअ‍्ल इल्म=जानना
फुअ‍्ल हुक्म=आज्ञा देना
फअल तलब=खोजना
फअ‍्लत रहमत=दया करना
फ़िअ‍्लत खिद‍्मत=सेवा करना
फ़ुअ‍्लत क्रुद्रत=योग्य होना
फ़अलत हरकत=चलना
फ़इलत सरिका=चोरी
१० फ़अ‍्ला दअवा (दावा)=हक
११ फ़आल सलाम=कुशल होना
१२ फिआल कियाम=ठहरना
१३ फ़ुआल सुवाल=पूछना
१४ फऊल कबूल=स्वीकार
१५ फुऊल जुहूर=रूप
१६ फअ‍्लान दवरान=संचार
१७ फआलत बगावत=बलवा
१८ फिआलत किताबत=लिखना
१९ फऊलत जरूरत=आवश्यकता
२० मफ‍्अलत मर‍्हमत=दया