यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(४४०)
कर्तृवाचक विशेषण का वजन | उदाहरण | कर्मवाचक विशेषण का वजन | उदाहरण |
---|---|---|---|
१ मुफइ्लइ | मुअल्लिम=शिक्षक ('इल्म' से) |
मुफअअल | मुअल्लम=शिष्य |
२ मुफाइल | मुहाफ़िज़=रक्षक ('हिफज़' से) |
मुफाअल | मुहाफ़ज=रक्षित |
३ मुफ्इल | मुन्सिफ़=न्यायाधीश ('नसफ' से) |
मुफ्अल | मुनसफ़=न्याय पानेवाला |
४ मुत्फइइल | मुत्बद्दिल=बदलने वाला ('बदल' से) |
मुतफअअल | मुतबद्दल=बदला हुआ |
५ मुन्फइल | मुन्सरिम=शासक ('सरम' से) |
मुन्फअल | मुन्सरम=शासित |
६ मुत्फाइल | मुत्वातिर=लगातार ('वतर' से) |
मुत्फाअल | मुत्वातर=निर्विघ्न |
७ मुस्तफ्इल | मुस्तक्बिल=भविष्य ('कवल' से) |
मुस्तफ्अल | मुस्तकबल=चित्र |
स्थानवाचक और कालवाचक संज्ञाएँ।
४४३—स्थानवाचक और कालवाचक संज्ञाएँ बहुधा मफ्अल या मफ्इल के वजन पर होती हैं और उनके आदि में म अवश्य रहता है, जैसे, मक्तब=वह स्थान जिसमें लिखना सिखाया जाता है। (कतब=लिखना से); मक्तल=कतल करने की जगह (कतल=मार डालना से), मजलिस=वह स्थान जहाँ अथवा वह समय जब कई लोग बैठते हैं (जलस=बैठना से), मस्जिद=पूजा की जगह (सजद=पूजा करना से), मंजिल=पड़ाव (नजल=उतरना से)
[सू॰—स्थानवाचक संज्ञाओं में कभी-कभी ह जोड़ दिया जाता है; जैसे, मक्बरह, मद्रसह।]
(ख) अरबी तद्धित।
आनी—इस प्रत्यय के योग से विशेषण बनते हैं, जैसे, जिस्म (शरीर)—जिस्मानी (शारीरिक), रूह (आत्मा)—रूहानी (आत्मिक)।