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हिंदी-उपपद समासों के उदाहरण-लकड़फोड़, तिलचट्टा, कनकटा (कान काटनेवाला), मुँडचीरा, बटमार, चिड़ीमार, पनडुब्बी, घर-घुसा, घुड़चढ़ा।

उदू-उदाहरण—गरीब-निवाज (दीन-पालक), कलम-तराश (कलम काटनेवाला, चाकू), चोबदार (दंडधारी), सौदागर।

[सू॰—हिंदी में स्वतंत्र कर्मादि तत्पुरुषों की संख्या अधिक न होने के कारण बहुधा उपपद समास को इन्हीं के अंतर्गत मानते हैं।]

४६०—अभाव किंवा निषेध के अर्थ में शब्दों के पूर्व अ वा अन् लगाने से जो तत्पुरुष बनता है उसे नञ् तत्पुरुष कहते हैं।

उदा॰—(सं॰) अधर्म (न धर्म), अन्याय (न न्याय), अयोग्य (न योग्य), अनाचार (न आचार), अनिष्ट (न इष्ट)।

हिंदी—अनबन, अनभल, अनचाहा, अधूरा, अनजाना, अटूट, अनगढ़ा, अकाज, अलग, अनरीत, अनहोनी।

उर्दू—नापसंद, नालायक, नाबालिग, गैरहाजिर, गैरवाजिब।

(अ) किसी-किसी स्थान में निषेधार्थी न अव्यय आता है; जैसे, नक्षत्र, नास्तिक, नपुंसक।

[सू॰—निषेध के नीचे लिखे अर्थ होते हैं—

(१) भिन्नता—अब्राह्मण अर्थात् ब्राह्मण से भिन्न कोई जाति; जैसे, वैश्य, शूद्र, आदि।

(२) अभाव—अज्ञान अर्थात् ज्ञान का अभाव।

(३) अयोग्यता-अकाल अर्थात् अनुचित काल।

(४) विरोध—अनीति अर्थात् नीति का उलटा।]

४६१—जिस तत्पुरुष समास के प्रथम स्थान में उपसर्ग आता है उसे संस्कृत व्याकरण में आदि समास कहते हैं।

उदा॰—प्रतिध्वनि (समान ध्वनि), अतिक्रम (आगे जाना)। इसी प्रकार प्रतिबिंब, अतिवृष्टि, उपवेद, प्रगति, दुर्गुण।