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(ऋ) अवधारण—चंद्रहास मेरी संपत्ति—अतुल संपत्ति का अधिकारी होगा (चंद्र॰), अच्छी शिक्षा पाये हुए मुसलमान और हिंदू भी—विशेष करके मुसलमान फारसी के शब्दों का अधिक प्रयोग करते हैं (सर॰)।

५६२—सब, कोई, कुछ, दोनों और यह बहुधा दूसरे शब्दों के समानाधिकरण होकर आते हैं, और आदि, नामक, अर्थात्, सरीखा, जैसे, बहुधा दो समानाधिकरण शब्दों के बीच में आते हैं। इन सबके उदाहरण ऊपर आ चुके हैं।

५६३—समानाधिकरण शब्द जिस कारक में आता है उसी में उसका मुख्य शब्द भी रहता है; जैसे, राजा जनक की पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंवर रचा गया। इस वाक्य में मुख्य शब्द राजा और पुत्री सबंध-कारक में हैं, क्योंकि उनके समानाधिकरण शब्द जनक और सीता संबंध-कारक में आये हैं।

(अ) समानाधिकरण शब्द का अर्थ और कारक मूल शब्द के अर्थ और कारक से भिन्न न होना चाहिए। नीचे लिखे वाक्य इस नियम के विरुद्ध होने के कारण अशुद्ध हैं—

जब राजकुमार सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध का पहला नाम) २६ वर्ष के हुए (सर॰), गत वर्ष का (सन् १९१४) हिसाब।

(आ) कभी-कभी एक वाक्य भी समानाधिकरण होता है, जैसे, वह पूरा भरोसा रखता है कि मेरे श्रम का फल मुझे ही मिलेगा। इस वाक्य में "कि" से आरंभ होनेवाला उपवाक्य "भरोसा" शब्द का समानाधिकरण है।

[सू॰—वाक्यों का विशेष विचार इस भाग के दूसरे परिच्छेद में किया जायगा।]