हिंदी व्याकरण
पहला भाग ।
वर्णविचार ।
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पहला अध्याय ।
वर्णमाला।
१---वर्णविचार व्याकरण के उस भाग को कहते हैं जिसमें वणोंं आकार, भेद, उच्चारण तथा उनके मेल से शब्द बनाने के नियमों का निरूपण होता है।
२-वर्ण उस मूल-ध्वनि को कहते हैं जिसके खंड न हो सके; जैसे, अ, इ, क् , ख्, इत्यादि ।
"सवेरा हुआ" इस वाक्य में दो शब्द हैं, " सबेरा" और “हुआ"। "सवेरा" शब्द में साधारण रूप से तीन ध्वनियाँ सुनाई पड़ती हैं-स, वे, रा। इन तीन ध्वनियों में से प्रत्येक ध्वनि के खंड हो सकते हैं, इसलिए वह मूल-ध्वनि नहीं है। 'स' में दो ध्वनियाँ हैं, स् + अ, और इनके कोई और खंड नहीं हो सकते, इस-लिए 'स' और 'अ' मूल-ध्वनि हैं। येही मूल-ध्वनियाँ वणं कहलाती हैं। "सवेरा" शब्द में स्,अ, ए, र, आ--ये छ. मूल-ध्वनियॉ हैं। इसी प्रकार "हुआ"शब्द में ह् ,उ, आ --ये तीन मूलध्वनियाँँ वा वर्ण हैं।