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(६५४)
कर्तृवाचक संज्ञा—चलनहार
वर्त्तमानकालिक कृदंत—चलत, चलतु
भूतकालिक कृदंत—चल्यौ
पूर्वकालिक कृदंत—चलि, चलिकै
तात्कालिक कृदंत—चलतही
अपूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत—चलत, चलतु
पूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत—चले
संभाव्य-भविष्यत् (अथवा सामान्य-वर्त्तमान)।
कर्त्ता—पुल्लिंग वा स्त्रीलिंग।
पुरुष | एकवचन | पुरुष | चहुवचन |
---|---|---|---|
१ | चलौं, चलऊँ | १—३ | चलें, चलहिं |
२ | चलै, चलसि | २ | चलौ, चलहु |
३ | चलै, चलइ, चलहि |
१ | चलौं, चलऊँ | १—३ | चलैं, चलहि |
२ | चल, चले, चलही | २ | चलौ, चलहु |
२ | चलियो | चलियो | |
आदरसूचक विधि | |||
२—३ | चलिये | २—३ | चलिये |
१ | चलिहौं | १—३ | चलिहैं |